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युवाओं के कौशल विकास और स्वावलम्बन के लिए वरदान साबित हो रहीं एचपीकेवीएन की पहल

शिमला / 25 जुलाई / न्यू सुपर भारत

प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने, उन्हें स्वरोजगार के प्रति प्रेरित करने और उनके कौशल विकास के लिए प्रभावशाली योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम (एचपीकेवीएन) राज्य भर में कौशल गतिविधियों के कार्यान्वयन और समन्वय के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है। 

निगम का मुख्य उद्देश्य तकनीकी, व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण (टीवीईटी), गुणवत्ता कौशल प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे का विकास, युवाओं के लिए मांग संचालित कौशल प्रशिक्षण और हिमाचली युवाओं को 100 प्रतिशत लागत मुक्त प्रशिक्षण प्रदान करना है। हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के रोजगारोन्मुखी प्रयास प्रदेश के युवाओं के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।

एचपीकेवीएन द्वारा युवाओं को राज्य में विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से लघु, मध्यम और दीर्घकालिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। निगम बेहतर जाॅब प्लेसमेंट स्पोर्ट के लिए इंडस्ट्री लिंकेज की सुविधा तथा प्रशिक्षण परिणामों की निगरानी एवं मूल्यांकन भी सुनिश्चित कर रहा  है।

हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के माध्यम से प्रदेश में अब तक 18,409 उम्मीदवारों ने अल्पावधि प्रशिक्षण में दाखिला लिया है, जिनमें से 8010 उम्मीदवारों को प्रमाणित किया जा चुका है। निगम द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के सहयोग से तीन साल का बैचलर आॅफ वोकेशन स्नातक कार्यक्रम भी आरम्भ किया गया है, जिसके तहत खुदरा तथा पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इस पाठ्यक्रम में अब तक 2755 अभ्यर्थियों को नामांकित किया गया तथा 576 अभ्यर्थियों को प्रमाणित भी किया जा चुका है।

प्रदेश के 25 सरकारी महाविद्यालयों में स्नातक अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ग्रेजुएट एड आॅन प्रोग्राम के माध्यम से डोमेन और रोजगार कौशल प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। इसके तहत सभी सफल उम्मीदवारों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त एनएसक्यूएफ (नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क) प्रमाणपत्र प्रदान किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत अब तक 2216 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन कराया है और 1851 उम्मीदवारों को इस पाठयक्रम में प्रमाणित किया गया है।

जो युवा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में नामांकित नहीं हैं वह भी आईटीआई में एचपीकेवीएन प्रायोजित अल्पावधि प्रशिक्षण में शामिल हो सकते हंै। इसके तहत प्रदेश के 38 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में एनएसक्यूएफ संरेखित 3 से 6 महीने का निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत अब तक 5876 छात्रों ने अपना नामांकन करवाया है और 2117 छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं।

एचपीकेवीएन प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित और राज्य सरकार द्वारा प्रबंधित प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) भी कार्यन्वित कर रहा है, इसके तहत युवाओं को अनेक रोजगारोन्मुखी क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण और प्रमाणित उम्मीदवारों को प्लेसमेंट में सहायता प्रदान की जा रही है।

एचपीकेवीएन ने कोविड-19 संकटकाल के दौरान भी अनेक सराहनीय पहल की हैं। प्रदेश सरकार ने कोविड महामारी के कारण लाॅकडाउन के दौरान राज्य में वापस आए रोजगार के जरूरतमंद प्रवासी कार्यबल का डेटाबेस बनाने के लिए आॅनलाइन कौशल रजिस्टर पोर्टल लाॅन्च किया है।

एचपीकेवीएन द्वारा इन्डस्ट्री कनेक्ट आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से कौशल रजिस्टर पोर्टल में पंजीकृत उम्मीदवारों को शाॅर्टलिस्ट कर उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

 प्रदेश में दिव्यांगजनों के कौशल विकास के उद्देश्य से एचपीकेवीएन द्वारा विशेष अभियान ‘नवधारणा’ भी चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से दिव्यांगों को पर्यटन व आतिथ्य और खुदरा क्षेत्र में रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

 हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम, कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से न केवल राज्य के युवाओं की रोजगार प्राप्त करने की क्षमता में गुणात्तमक सुधार कर रहा है, बल्कि उन्हें स्वावलम्बी बनने के लिए भी संबल प्रदान कर रहा है।

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