डेरा बाबा रुद्रानंद में वीरेंद्र कंवर ने धूने पर शीश झुकाया, यज्ञशाला की परिक्रमा की
ऊना / 12 नवंबर / राजन चब्बा
विश्व विख्यात धार्मिक स्थल डेराबाबा रुद्रानंद आश्रम नारी में पंचभीष्म पर्व पर चल रहा कोटि गायत्री महायज्ञ संपन्न हो गया। महापर्व के अंतिम दिन महायज्ञ में पूर्ण आहुति डाली गई।
पूर्णाहुति के दौरान यज्ञशाला में अखंड धूने की जय के जयकारे गूंजते रहे। ग्रामीण विकास, पंचायती राज, मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर हजारों श्रद्धालुओं के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए। माथा टेककर कंवर ने धूने पर शीश झुकाया, फिर यज्ञशाला की परिक्रमा की।
उन्होंने श्रीश्री 1008 वेदांताचार्य सुग्रीवानंद महाराज से भी आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डेरा बाबा रुद्रानंद उत्तर भारत का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है और यह देश ही नहीं बल्कि विदेश में रहने वालों श्रद्धालुओं की भी आस्था का केंद्र है। कंवर ने कहा कि नौ दिन तक चले इस महायज्ञ के दौरान देश भर से आए 500 विद्वानों ने विधिवत पूजा के साथ-साथ गायत्री महामंत्र का जाप किया। इस जाप का उद्देश्य देश में अमन व शांति की कामना करना है। उन्होंने आयोजकों को सफल कार्यक्रम के लिए बधाई दी और कहा कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान की गई हैं।
रास लीला का आयोजन भी किया
महापर्व के अंतिम दिन रास लीला का आयोजन भी किया। मंगलवार को नौवें दिन आश्रम में हजारों श्रद्धालुओं ने अखंड धूने पर शीश नवाया और अपने उज्जवल भविष्य की कामना की। इसके उपरांत श्रद्धालुओं ने पुराने पीपलों की परिक्रमा की और फिर लंगर में प्रसाद ग्रहण किया। आश्रम परिसर में सुबह चार बजे से ही श्रद्धालुओं के आने सिलसिला शुरू हो गया था। आश्रम चारों तरफ से खचाखच भरा हुआ था और अखंड धूने पर माथा टेकने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लंबी लाइनें लगी हुई थीं। शाम तक धूने पर माथा टेकने का क्रम जारी रहा। धूने पर सुग्रीवानंद महाराज के शिष्य आचार्य हेमानंद, धर्मपाल शर्मा, हरीश शर्मा, संजीव सहोड़, शिव हरिपाल और पवन शर्मा सहित अन्यों ने अपनी सेवाएं दी। बाबा रुद्रानंद मंडल सलोह, जालंधर, होशियारपुर ने भी लंगर सेवा की। विभिन्न सेवक मंडलों के सदस्यों ने सदाव्रत लंगर में अपनी सेवाएं दी। जबकि महिलाओं ने बर्तन साफ करने में सहयोग किया। आश्रम में छोटे तथा बड़े वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग बनाई गई थी। आश्रम के प्रवक्ता तिलक राज शास्त्री ने बताया कि नौ दिवसीय महायज्ञ में स्वास्थ्य व आयुर्वेदिक विभाग द्वारा चिकित्सा शिविर लगाए गए। दोनों शिविरों में 14 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जांच करवाई। जिन्हें विभाग द्वारा दवाइयां भी मुफ्त दी गई।