चंबा / 14 सितंबर / न्यू सुपर भारत
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के तत्वावधान में पुलिस अन्वेषण अधिकारियों द्वारा अपराध मामलों में जांच के दौरान लोगों की गिरफ्तारी से पहले, गिरफ्तारी के बाद और रिमांड चरण में न्याय तक पहुंच से संबंधित विषय पर संवेदीकरण और प्रशिक्षण के लिए आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी( सीजीएम) सुभाष चंद्र भसीन ने कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की ।
इस दौरान मोटर वाहन अधिनियम, सड़क सुरक्षा और यातायात पुलिस से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई । मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि पुलिस कर्मियों द्वारा अपराध के अन्वेषण के दौरान भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के साथ तथ्यों, वास्तविकता और एविडेंस एक्ट पर विशेष प्राथमिकता रखी जानी चाहिए । अन्वेषण में सत्यता को महत्वपूर्ण आधार बताते हुए उन्होंने मानक संचालन प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित बनाने के भी निर्देश जारी किए ।
कार्यशाला में सचिव जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण विशाल कौंडल ने गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के संवैधानिक अधिकारों की जानकारी प्रदान की । उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा कार्यवाही के दौरान सही व्यवहार किया जाना चाहिए । कार्यशाला में वरिष्ठ अधिवक्ता डीपी मल्होत्रा ने विधिक सेवाएं प्राधिकरण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के साथ पुलिस थाना में बुलाए जाने वाले व्यक्तियों के कानूनी अधिकारों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों का ब्यौरा रखा ।
इस दौरान अधिवक्ता उमेश यादव ने पोस्को एक्ट और मोटर वाहन अधिनियम से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की। कार्यशाला में उप पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु वर्मा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की । इस अवसर पर 80 से अधिक पुलिस अन्वेषण अधिकारियों ने हिस्सा लिया ।