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पानी के 12 सैंपलों में से 4 फेल, बीमारी वाला पाया गया  बैक्टीरिया

सवालों के घेरे में जलशक्ति विभाग का पेयजल 

रजनीश शर्मा । हमीरपुर 

टौणी देवी क्षेत्र में फैले डायरिया की परतें खुलना शुरू हो गई हैं । जल शक्ति विभाग का पेयजल सवालों के घेरे में आ गया है।  क्षेत्र की 13 पंचायतों के करीब 30 गांवों में फैले उल्टी, दस्त और पेट दर्द के करीब 590 मरीज बेशक अब ठीक हो रहें हैं लेकिन  नलों में आने वाला पानी स्वास्थ्य विभाग की नजरों में फेल हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से  टौणी देवी क्षेत्र से पानी के 12  सैंपल भरे गए थे उनमें चार फेल पाए हैं। जो फेल सैंपल की रिपोर्ट आई है , उसमें  डायरिया बीमारी को न्यौता देने वाला बैक्टीरिया  पाया गया था।  इस  कारण सैकड़ों लोग यहां बीमारी की चपेट में आ गए। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्टूल के सैंपल भी लिए हैं उनकी भी रिपोर्ट आनी है।  उसमें भी यह साफ होगा कि आखिर कौन सा बैक्टीरिया था।   गंदा पानी पीने से डायरिया के साथ-साथ पीलिया भी हो सकता है। वैसे यहां अभी तक पीलिया का कोई मरीज सामने नहीं आया है। टौणी देवी ब्लॉक और भोरंज ब्लॉक में 500  से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं।

कोताही बरतने वालों पर होगी कार्यवाही

अब देखना यह होगा कि किस स्तर पर कोताही हुई है और किसके खिलाफ कार्यवाही होती है क्योंकि डायरिया एक स्थान पर नहीं कई स्थानों पर समय समय पर फैलता रहा है और हजारों लोग इसकी चपेट में आते रहे हैं ।  पहले

भी  कई बार पानी के सैंपल फेल हुए उसके बाद किसके खिलाफ कारवाई सब फाइलों तक ही सीमित रही और लोग बीमारियों से जूझते रहे। अब माना जा रहा है सरकारी स्तर पर इस मामले पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है क्योंकि आईजीएमसी शिमला से स्पेशल टीम भेजी गई है।

डायरिया क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की टीमें बांट रही दवाइयां

इस बारे डॉ. आरके अग्निहोत्री, सीएमओ हमीरपुर ने बताया कि पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जो भी सैंपल फेल होगा उसकी रिपोर्ट संबंधित विभागों को भेजी जाएगी।  करीब 45 प्रतिशत सैंपल पहले फेल पाए  गए।  पूरी तरह कंट्रोल में है।  नए मामले भी कम सामने आ रहे हैं फिर भी विभाग की टीमें लगातार फील्ड में तैनात है। 

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