February 22, 2025

मछली पालकों के संगठन बनाकर होगा क्षमता निर्माणः वीरेंद्र कंवर

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मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने मछली पालक परिवारों से की मुलाकात, दियोली फार्म भी देखा

ऊना / 31 दिसंबर / एन एस बी न्यूज़

ग्रामीण विकास, पंचायती राज, मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज गगरेट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दियोली मत्स्य पालन फार्म का दौरा किया। इस अवसर पर मत्स्य पालन मंत्री ने कहा कि ऊना जिला के दियोली में यह हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा फार्म है, जहां पर इस वर्ष 1.30 करोड़ अंडों के उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले वर्ष यहां पर 1.05 करोड़ मछली के अंडे तैयार किए गए थे।वीरेंद्र कंवर ने कहा कि चार राज्यों में मछली पालकों के संगठन बनाए जा रहे हैं और इन राज्यों में हिमाचल प्रदेश भी शामिल है। उन्होंने कहा कि मछली पालकों के संगठन को परामर्श प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने परामर्शदाता कंपनी को एंपैनल किया है। इस प्रक्रिया के माध्यम से मछली पालन से जुड़े किसानों का क्षमता निर्माण किया जाएगा ताकि वह अमूल की तर्ज पर काम कर सकें और अपने उत्पादन की मार्केंटिंग करने में भी सक्षम हों। उन्होंने कहा कि जिला में लगभग 300 परिवार मछली पालन से जुड़े हैं, जिन्हें इसका लाभ प्राप्त होगा। 

मछली पालकों से की मुलाकात

मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज कई मछली पालक परिवारों के साथ मुलाकात की और उनके काम करने के तौर-तरीकों को जाना। सबसे पहले उन्होंने कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के बसाल में प्रगतिशील किसान विजय डोगरा के फार्म को देखा, जो लगभग अढ़ाई हेक्टेयर में मछली पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस इलाके में अनेकों परिवार मछली पालन से जुड़े हैं। टकारला में दो हेक्टेयर तथा टक्का में एक हेक्टेयर में मछली फार्म स्थापित किए गए हैं और प्रदेश सरकार मछली पालन के लिए तालाब बनाने को सब्सिडी भी प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि एक हेक्टेयर में तालाब बनाने का खर्च लगभग 7 लाख रुपए आता है जिस पर प्रदेश सरकार सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत तथा एससी, एसटी तथा महिला किसानों को 60 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मछली पालन से पारंपरिक खेती के मुकाबले में कई गुना मुनाफा है, इसलिए किसानों को मछली पालन के साथ जुड़ना चाहिए। 

इसके बाद उन्होंने पंजावर में भी कई मछली पालकों के फार्म देखे। इस अवसर पर मत्स्य पालन विभाग के निदेशक सतपाल मैहता भी उनके साथ रहे।

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