बैंबूना की सफलता के बाद मिट्टी से निखरेगा ऊना में स्वरोजगार का हुनर
दिसंबर अंत तक इच्छुक व्यक्तियों को बौल में मिलना शुरू होगा ग्लेज पॉट्री का प्रशिक्षण
ऊना / 02 दिसम्बर / राजन चब्बा
बैंबूना परियोजना के माध्यम से बांस के उत्पादों से स्वरोजगार का मार्ग प्रशस्त करने के बाद ग्रामीण विकास विभाग जिला ऊना के युवाओं को ग्लेज पॉट्री का प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए बंगाणा उप मंडल के बौल में कार्यशाला का निर्माण किया जा रहा है, जहां पर कुम्हारों के साथ-साथ स्वरोजगार के इच्छुक व्यक्तियों को ग्लेज पॉट्री बनाने में माहिर बनाया जाएगा, ताकि वह अपने लिए आय का अच्छा साधन ढूंढ सकें।
जिला प्रशासन व जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ऊना ने इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए सरकार से स्वीकृति मांगी थी। सरकार ने इस योजना को मंज़ूरी प्रदान करते हुए 10 लाख रुपए का प्रावधान भी किया है। इस योजना के तहत अब स्वचालित चक्कियां व इलेक्ट्रिक भट्टी खरीदी जाएगी और पॉट्री बनाने के लिए क्ले बाहर से मंगाई जाएगी लेकिन बाद में इसे स्थानीय स्तर पर भी तैयार किया जाएगा। जिसके बाद ग्लेज पॉट्री बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यहां पर मिट्टी के ऐसे चमकदार बर्तन तैयार होंगे, जो महंगे भी होते हैं और जिनकी बाजार में अच्छी मांग है।
बिलासपुर से आएंगे ट्रेनर
इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए ग्लेज पॉट्री की ट्रेनिंग देने के लिए बिलासपुर से अरुण गुलेरिया को ट्रेनर नियुक्त किया गया है। कुछ औपचारिकताएं पूरी होने के बाद गुलेरिया जल्द ही बौल में प्रशिक्षण देने का कार्य आरंभ कर देंगे। उद्योग के संचालन में पूरी तरह से स्थानीय लोगों की सहभागिता हो इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण निशुल्क दिया जाएगा।
कैसे करें प्रशिक्षण के लिए आवेदन
अगर आप ग्लेज पॉट्री के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको बीडीओ कार्यालय या फिर जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) के कार्यालय में संपर्क करना होगा। इसके बाद आपको इसी कार्यालय से सूचना प्राप्त होगी कि कब आप प्रशिक्षण के लिए आ सकते हैं।
बौल में बनेगा विक्रम केंद्र
इस योजना के बारे में कार्यवाहक उपायुक्त ऊना अरिंदम चौधरी ने बताया कि उत्पाद बनाने के बाद इन्हें बचने के लिए बाजार के साथ भी जोड़ा जाएगा। बौल में जिस स्थान को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में चुना गया है, वहीं विक्रय केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। यह स्थान ऊना-हमीरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर है। इस योजना के माध्यम से कुम्हारों के काम को हाईटैक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर की इस योजना को सिरे चढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो दिसंबर माह के अंत तक बौल में प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
स्वरोजगार प्रदान करना लक्ष्य
ग्रामीण विकास, पंचायती राज, मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि बैंबूना के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों को बांस के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया था और यह प्रयोग पूरी तरह से सफल सिद्ध हुआ है। अब ग्लेज पॉट्री के साथ ऊना जिला के छोटे और मझोले कुम्हारों और महिला मंडलों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर लोगों को स्वरोजगार मुहैया करवाया जाना है। ग्लेज पॉट्री प्रोजेक्ट से लोगों को रोजगार भी मिलेगा और उनकी आर्थिकी भी सुदृढ होगी। उम्मीद है कि कुटैलहड़ विधानसभा क्षेत्र के बौल में यह केंद्र आदर्श के रूप में उभर कर सामने आएगा।