शिमला / 26 सितंबर / न्यू सुपर भारत /
हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह द्वारा रेस्टोरेंट, फास्ट-फूड सेंटर और रेहड़ी-फड़ी संचालकों के लिए पहचान पत्र (I-CARD) अनिवार्य करने के बयान के बाद राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से इससे किनारा कर लिया है।
नेम-प्लेट और आई-कार्ड की अनिवार्यता अभी नहीं : राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, रेहड़ी-पटरी वालों के लिए नेम-प्लेट और आई-कार्ड अनिवार्य नहीं किए गए हैं। स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी पर समाज के विभिन्न वर्गों से सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिन पर विचार किया जाएगा।
समिति गठित, सुझावों पर होगा विचार
सरकार ने बताया कि निर्णय लेने से पहले सभी सुझावों पर विचार किया जाएगा। इस मामले के समाधान के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के विधायकों की एक समिति गठित की गई है, जो सिफारिशों और सुझावों की समीक्षा करेगी।
विक्रमादित्य का बयान: यूपी से नहीं जुड़ा मामला
आज सुबह दिल्ली में दिए बयान में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह मामला उत्तर प्रदेश या योगी आदित्यनाथ से संबंधित नहीं है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के अपने अलग मुद्दे हैं और हाल की घटनाओं के मद्देनजर राज्य सरकार ने आपसी सौहार्द और शांति बनाए रखने के लिए कदम उठाए हैं।