विक्टोरिया ब्रिज की 142 साल की सेवाओं को मंडी वासियों का सलाम
मंडी, 3 जनवरी, एन एस बी न्यूज़
भारतीय सांस्कृतिक निधि के मंडी चैप्टर ने एक अनूठी पहल करते हुए मंडी के ऐतिहासिक विक्टोरिया केसरी ब्रिज की 142 साल की सेवाओं के लिए सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। जिला प्रशासन और नगर परिषद मंडी के सहयोग से शुक्रवार को ब्रिज (पुल) पर आयोजित इस कार्यक्रम में मानवीय संवेदनाओं की अनोखी मिसाल देखने को मिली।
इस मौके विक्टोरिया ब्रिज को नई नवेली दुल्हन की तरह सजाया गया था। पुल पर सुंदर मैटिंग की गई थी, इसे फूल मालाओं से संवारा गया था। गेंदे की खुशबु से महकती फिजा में धार्मिक रीति और मंत्रोच्चार के साथ पुष्प-अक्षत अर्पित कर पुल के प्रति सम्मान जताया गया। मंडीवासियों ने कृतज्ञ भाव से सन् 1877 में ब्यास नदी पर बने विक्टोरिया ब्रिज के योगदान एवं महत्व को स्मरण करते हुए उसकी सेवाओं को सलाम किया।
पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का होगा प्रयास : ऋग्वेद ठाकुर
कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पधारे उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने इस आयोजन के लिए भारतीय सांस्कृतिक निधि के मंडी चैप्टर को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि ब्रिज की सेवाओं के लिए आभार जताने का यह कार्यक्रम मानवीय संवेदनाओं का अनुपंम उदाहरण है। ये ब्रिज एतिहासिक महत्व का है, कई ऐतिहासिक घटनाओं का मूक गवाह रहा है। प्रशासन इसे पर्यटन की दृष्टि से और विकसित करने का प्रयास करेगा। इसकी आवश्यक मरम्मत और रखरखाव के लिए सभी प्रबंध किए जाएंगे, ताकि ये पर्यटकों के लिए एक आकर्षक साइट के तौर पर उभरे और लोग इसे देखने एवं यहां घूमने आएं।
बहुमूल्य धरोहर के प्रति आभार जताने का अवसर : नरेश मल्होत्रा
इस मौके भारतीय सांस्कृतिक निधि के मंडी चैप्टर के अध्यक्ष नरेश मल्होत्रा ने कहा कि इस आयोजन का मकसद इस बहुमूल्य धरोहर के प्रति सम्मान जताने के साथ साथ लोगों को इसके ऐतिहासिक महत्व से रूबरू करवाना था। ताकि साझे प्रयासों से इसे देश दुनिया के पर्यटन मात्रचित्र पर प्रमुखता से उभारा जा सके। उन्होंने कहा कि जब ये ब्रिज शुरू हुआ था तब मंडी में गिनी चुनी गाड़ियां थीं। गुजरती सदियों के साथ इसने बसों ट्रकों का बोझ सहन किया। आज उन सब सेवाओं के लिए आभार जताने का अवसर है।
इतिहास के झरोखे से
ब्यास नदी पर बने इस ऐतिहासिक पुल का निर्माण मंडी राज्य के राजा विजय सेन ने 1877 में एक लाख रुपए की लागत से करवाया था । इसका निर्माण पुराने और नए मंडी शहर को जोड़ने तथा राजा विजय सेन को दिल्ली दरबार द्वारा प्रदान की गई एक सुंदर बड़ी कार को मंडी शहर तक पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया था। इस पुल का स्वरूप इंग्लैंड के बाथ में बने विक्टोरिया पुल की तरह है। 76 मीटर लंबा विक्टोरिया पुल दो टावरों और 12 लोहे की मोटी मोटी रस्सियों से बना है । यह पुल उस समय के इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना है । इसका निर्माण लंदन और कोलकता के इंजीनियरों द्वारा किया गया था।
8 दिसंबर को मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा नए पुल के उद्घाटन के बाद से विक्टोरिया केसरी ब्रिज पर वाहनों की आवाजाही बंद है। ये पुल अब केवल पैदल चलने के लिए उपयोग में लाया जा रहा है।
कार्यक्रम में विशेषतौर पर राजा विजय सेन के पौत्र की पौत्री सिद्धेश्वरी देवी भी शामिल हुईं।
इसके अलावा कार्यक्रम में नगर परिषद मंडी की अध्यक्ष सुमन ठाकुर, उपाध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा, पार्षदगण, अतिरिक्त उपायुक्त आशुतोष गर्ग, भारतीय सांस्कृतिक निधि के मंडी चैप्टर के सह संयोजक अनिल शर्मा एवं अन्य सदस्य, मेरे अपने संस्था के संस्थापक विनोद बहल सहित बड़ी संख्या में मंडी शहर के लोग उपस्थित रहे।