शिमला / 09 नवम्बर / राजन चब्बा
नई दिल्ली में संस्कृत भारती द्वारा आयोजित विश्व सम्मेलन में भारत के उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें राज्य में संस्कृत को दूसरी भाषा का दर्जा देने के लिए प्रदान किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत केवल हमारे देश की भाषा नहीं, बल्कि अपनी समृद्धता के कारण यह एक वैश्विक भाषा है। राज्य सरकार प्रदेश में संस्कृत भाषा के विस्तार के लिए राज्य में संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा हमारी समृद्ध धरोहर और पहचान के साथ जुड़ी है, इसलिए इसे बढ़ावा और संरक्षण देने की आवश्यकता है। राज्य सरकार संस्कृत भाषा को और अधिक लोकप्रिय बनाने के प्रयास करेगी ताकि अधिक से अधिक लोग इसे बोलने और संवाद करने के लिए अपनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत समृद्ध संास्कृतिक धरोहर वाला देश है और हमें इसे संरक्षित करने के लिए ईमानदारी से प्रयास करने चाहिए। कोई भी देश अपनी समृद्ध विरासत और मूल्यों की अनदेखी कर प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि कहा कि हमें आधुनिक सोच और मूल्यों को अपनाने के साथ अपने संस्कार और संस्कृति पर भी गर्व करना चाहिए और इनकी अनदेखी करके हासिल की गई सफलता वास्तविक अर्थों में सफलता नहीं है।
मुख्यमंत्री ने अपने सम्मान के लिए आयोजकों का धन्यवाद किया और इस आयोजन के लिए सराहना की।
उप-राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह और शाॅल भेंट कर सम्मानित किया और उनके प्रयासों के लिए बधाई दी।
केन्द्रीय मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन और जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर श्री अवधेशानंद गिरी पीतजाधेश ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।
संस्कृत भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष गोपबंधु मिश्रा ने मुख्य अतिथि और अन्यों का स्वागत किया।
21 देशों के प्रतिनिधियों और विद्वानों, देश के शिक्षकों और संस्कृत और संगठनों के छात्रों ने इस सम्मेलन में भाग लिया।