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गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष ने जानीं गौ सेवा सदन संचालकों की दिक्कतें

गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष ने जानीं गौ सेवा सदन संचालकों की दिक्कतें


धर्मशाला 19 सितम्बर/ एनएसबी न्यूज़

प्रदेश गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने वीरवार को धर्मशाला में गौशालाओं व गौ सेवा सदन संचालकों और पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान गौशालाओं एवं गौ सेवा सदन के संचालन से जुड़े मुद्दों, संचालन में आ रही समस्याओं और उनके समाधान को लेकर विस्तार से चर्चा की गई ।
अशोक शर्मा ने कहा कि प्रदेश में गौ वंश को बचाने, सड़कों पर घूम रही बेसहारा गायों को आसरा देने और नस्ल सुधार के उद्देश्य से गौ सेवा आयोग सभी जिलों में बैठकें आयोजित कर रहा है।
  आयोग का प्रयास है कि गौशालाओं व गौ सेवा सदन संचालकों एवं पंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा कर उनकी समस्याएं जानीं जाएं और आयोग की ओर से उनकी मदद के लिए क्या-क्या किया जा सकता है, इस बारे जमीनी जानकारी इकट््ठा की जाए, ताकि सड़कों पर घूम रही बेसहारा गायों के पुनर्वास के लिए कारगर नीति बनाई जा सके।
  उन्होंने कहा कि आयोग प्रदेश में गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रहा है। शराब की खरीद पर प्रति बोतल एक रुपए गौ सेस के तौर पर इकट्ठा किया जा रहा है और वर्ष 2017-18 में 7.95 करोड़ की राशि एकत्रित की जा चुकी है।
  उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार देसी गायों के प्रचलन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में एक नया सिमन बैंक स्थापित करेगी। इसके लिए पशु पालन विभाग प्रारूप तैयार कर रहा है। प्रज्जनन के दौरान 90 प्रतिशत बछड़ियों का जन्म हो, इस दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। ऐसा होने से गायों की मांग बढ़ेगी और उन्हें सड़कों पर लावारिस नहीं छोड़ा जाएगा।
  इस अवसर पर गौसेवा आयोग के उपनिदेशक डा. अनुपम मित्तल ने गौसेवा आयोग की जानकारी सबके समक्ष रखी। उन्होंने कहा प्रदेश में आयोग कईं गौ अभ्यारण खोलने की तैयारी में है। इसके लिए 200-300 बीघा जमीन की आवश्यकता है और आयोग इसके लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा जहां अभ्यारण बनाना संभव नहीं होगा, वहां बड़े गौसदन खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी लोग एवं पंचायतें गौसंवर्धन और गौसंरक्षण को लेकर जनजागरण अभियान भी जलाएं एवं देशी गौवंश पर विशेष ध्यान दें।
  डा. मुकेश महाजन सहायक निदेशक पशुपालन विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला कांगड़ा में कुल 22 गौसदन कार्यरत हैं, जिनमें 2150 गौवंश को रखने की सुविधा है और करीब 2000 बेसहारा गौवंश को आश्रय दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा में एक करोड़ अठारह लाख रुपये विभिन्न गौसदनों के लिए दिए जा चुके हैं।
   इस अवसर पर पशु पालन विभाग से नोडल ऑफिसर डा. मनोज भारद्वाज, सहायक निदेशक डा. मोहिन्द्र श्यामा, विभिन्न गौसदनों के संचालकों सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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