वैश्विक कोरोना महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन है जरूरी–फेस मास्क भी है एक कारगर सुरक्षा कवच
नारायणगढ / 15 जून / न्यू सुपर भारत
वैश्विक कोरोना महामारी से बचाव के लिए जहां वैक्सीन जरूरी है वहीं फेस मास्क भी एक कारगर सुरक्षा कवच है। मास्क लगाने को लेकर लोगों में अब पहले से कहीं अधिक जागरूकता भी आई है। शिक्षित लोगों के साथ-साथ अशिक्षित भी आज मास्क का महत्व समझ चुके है और मास्क लगाने को तवज्जों दे रहे है।
लेकिन फिर भी कुछ ऐसे लोग है जो मास्क लगाने को हलके में ले रहे है ओर मास्क को सही प्रकार से लगाने की बजाय दिखाने के लिए ही मास्क लगा रहे है। ऐसे लोग न केवल स्वयं की स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे है बल्कि दूसरे लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा कर रहे है।
ओर तो ओर बिहार, यू.पी. से आए प्रवासी मजदूर भी मास्क लगाने का महत्व आज जान चुके है। गांव बड़ी बस्सी के जसपाल जोकि दिहाड़ी मजदूरी का काम करते है। उन्होने मास्क लगाने के सवाल पर कहा कि वे पिछले साल जब कोरोना वायरस आया था तभी से वे मास्क लगा रहे है। उन्होंने बताया कि गांव में आंगनवाड़ी वर्कर/आशा वर्कर द्वारा बताया गया था कि मास्क लगाने से ही कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है। जिसके बाद वे नियमित रूप से मास्क का प्रयोग कर रहे है।
बिहार से यहां मजदूरी करने आये प्रवासी श्रमिक श्यामजी मुखिया ने मास्क लगाने के बारे में बताया कि प्रतिदिन नारायणगढ़ में पंजलासा चौंक/लेबर चौंक पर जाकर वहां से काम पर जाते है। एक दिन काम पर जाते हुए पुलिस ने उन्हें रोक कर मास्क दिया और समझाया कि मास्क लगाना क्यूं जरूरी है।
उसके बाद वह रोजाना सुबह जब दिहाड़ी पर जाता है तो अपना मास्क लगाकर ही जाता है। उसे देखकर उसके साथी मजदूर भी मास्क लगाने लगे है। वह कहता है कि मात्र मास्क लगाने से अगर कोरोना से बचा जा सकता है तो मास्क लगाने में क्या हर्ज है। बीमारी से बचने के लिए सभी लोगों को मास्क लगाना चाहिए।
बिहार के ही प्रवासी श्रमिक रामबरन यादव ने कहा कि वह धान की रोपाई करने यहां आये है। जिस किसान/मालिक के खेत में रहते है। उन्होंने ही उन्हें मास्क लगाने के बारे में बताया था और मास्क भी दिया।
रामबरन यादव ने बताया कि जब शहर में बाजार आदि स्थानों पर जाते है तो लोगों को मास्क लगाये देखते है तो उन्हें भी लगता है कि मास्क क्यूं जरूरी है। इसलिए वे जब भी बाजार व शहर जाते है तो मास्क लगाकर ही जाते है। उसका यह भी कहना है कि अगर मास्क नहीं लगायेगें तो एक बीमार होने का डरी दूसरा कोई अधिकारी या पुलिस उन्हें पकड़ कर चालान कर देगी। इसलिए अच्छा है कि मास्क लगाकर ही जाएं।
क्या कहती है डॉ. सोमा चक्रवर्ती – कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क पहनना बहुत जरूरी है। सरकार भी इस पर खास जोर दे रही है। इसके लिए गाइडलाइन भी जारी की गई है। नागरिक अस्पताल नारायणगढ़ की एचएमओं डॉ. सोमा चक्रवर्ती के मुताबिक मास्क पहनने से कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। अगर किसी कोरोना से संक्रमित व्यक्ति ने मास्क पहना हुआ है तो उस व्यक्ति से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
उन्होंने बताया कि बोलते समय निकलने वाली सांस की बूंदें आठ मिनट से ज्यादा समय तक हवा में रह सकती हैं। ऐसे में अगर कोरोना संक्रमित व्यक्ति बिना मास्क के बात करता है तो उसकी सांस की बूंदों से कोरोना फैलने की संभावना काफी ज्यादा है।
इससे बचने के लिए मास्क लगाना बेहद जरूरी है। जाहिर है कि मास्क पहनने से हम खुद को और दूसरे लोगों को भी कोरोना के संक्रमण से बचा सकते हैं। हम सभी को समझना होगा कि मास्क पहनना कोरोना वायरस के खिलाफ बचाव में काफी कारगर साबित हो सकता है।
उन्होंने बताया कि वायरस से बचाव के लिए तीन लेयर या इससे अधिक वाला मास्क ही सबसे बेहतर है। मास्क जब भी खरीदें तो ध्यान रखें कि यह कम से कम तीन लेयर का हो। सार्वजनिक स्थानों/कार्यस्थलों पर एक-दूसरे से उचित दूरी बनाएं रखना भी बेहद जरूरी है।
उन्होने कहा कि कोविड-19 की दूसरी वेव धीमी अवश्य हुई है लेकिन अभी समाप्त नहीं हुई है। इसलिए कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए कोविड अनुरूप व्यवहारों का पालन करें। जैसे मास्क पहनें, दूसरों से उचित दूरी बनाकर रखें तथा नियमित तौर पर साबुन/पानी से हाथ धोएं या सेनिटाइजर का प्रयोग करें तथा बारी आने पर वैक्सीन अवश्य लगवायें।