ऊना / 06 फरवरी / राजन चब्बा अनुशासित यातायात परिसंचालन, सुसंस्कृत, शिक्षित व सभ्य समाज की पहचान है। यह उद्गार एआरटीओ राजेश कौशल ने आज सड़क सुरक्षा मासिक अभियान के तहत परिवहन विभाग व सेफ्टी ड्राइविंग एजुकेशन केन्द्र ऊना के संयुक्त तत्वाधान में आईटीआई ऊना में आयोजित यातायात सुरक्षा नियम जागरुकता कार्यक्रम में प्रकट किये। उन्होंने बताया कि वर्तमान मंे सड़क दुर्घटनाओं के दौरान सड़क पर कलह कलेश देखे जा सकते हैं, जिनकी वजह सिर्फ और सिर्फ सुरक्षा नियमों का उलंघन है। लेकिन शिक्षित समाज में भी ऐसे दृश्य देखने को मिलें, खेद का विषय है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के लिए अधिकतर 18 से 40 वर्ष की आयुवर्ग के मामले सामने आते हंै, जिसमें भी अधिकतर दुर्घटनाएं दोपहिया वाहनों की तेज रफतार व सड़क नियमों का उलंघन की होती हैं। इससे साफ जाहिर है कि युवा पीढ़ी सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी, लापरवाही व अवहेलना करने में संकोच नहीं करती है। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी जिस पर देश के भविष्य की बागडोर भी है, उन्हें अपनी आजादी को बरकरार रखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र में भी सुसंस्कृत व अनुशासित तरीके से जीना सीखना अनिवार्य हो गया है। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम का मकसद युवा वर्ग को यातायात परिगमन में अनुशासन अपनाने के लिए प्रेरित करना है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने यातायात सुरक्षा नियमों के पालन की शपथ ग्रहण की तथा अन्यों को भी इसके लिए पे्ररित करने का प्रण लिया। सड़क दुर्घटना मृत्यु में 51 प्रतिशत युवा, चिंतन जरूरी इस अवसर पर आईटीआई के प्रिंसीपल यशपाल रायजादा ने भी प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आंकड़ों के मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु में 51 प्रतिशत युवावर्ग होते हैं, जोकि चिंता का विषय है, जिस पर गंभीरता से विचार करने की नितान्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सड़क नियम पालन करवाना क्या यह सरकार की ही जिम्मेवारी है, इसका युवावर्ग आत्मचिंतन अवश्य करे। उन्होंने संस्थान के सभी प्रशिक्षुओं यातायात नियमों का अक्षरशः पालन करने का संकल्प करवाया। अंब में ड्राइविंग टैस्ट व वाहन पासिंग पर भी किया जागरुक परिवहन विभाग के निरिक्षक अजय कुमार द्वारा अंब में वाहन पासिंग व ड्राइविंग टैस्ट के लिए आए लोगों में सड़क नियमों की जानकारी होने की गहनता से पुष्टि की तथा अवश्यकता अनुसार महत्वपूर्ण जानकारियां भी सांझा कीं।