ऊना / 30 जनवरी / राजन चब्बा:
मानवीय भूल व लापरवाही से हो रही सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर सड़कों पर सुरक्षित एवं सुगम यात्रा का माहौल निर्मित करने के उद्देश्य से आज सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा मासिक अभियान के अन्तर्गत हरोली उपमण्डल के कांगड़ गांव में ड्राइविंग लाइसेंस, प्रशिक्षु एवं ड्राइविंग टैस्ट अभ्यथी एवं स्थानीय लोगों के लिए जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए आरटीओ रमेश चन्द कटोच ने बताया कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं की वजह मानवीय भूलें हैं। उन्होंने बताया कि देश में 33 प्रतिशत दुर्घटनाएं शराब पीकर वाहन चलाने से होती हैं, 25 प्रतिशत ओवरस्पीड के कारण तथा 15 प्रतिशत लापरवाही अथवा यातायात नियमों का उल्लंघन करने के कारण तथा 7 प्रतिशत सड़क हादसों के नावालिग चालक जिम्मेदार होते हैं। उन्होंने बताया कि देश मंे हर साल वाहनों की चपेट में आने से एक लाख मौतें तथा 550 अरब संपत्ति का नुक्सान होता है।
आरटीओ ने लोगों को यातायात सुरक्षा नियमों पर डू और डू नाॅट डू का जीवन पर प्रभाव, जान-माल की क्षति, पारिवारिक एवं वित्तीय हानि, कानूनी अड़चनें, वाहनों के चालान व जुर्माने जैसे समस्त कारकों पर विस्तृत जानकारी दी गई तथा उपस्थित जनसमूह को सड़क सुरक्षा उपायों के क्रियान्वयन को जन-जन तक पहुंचाने की शपथ दिलाई।
68 प्रतिशत लोग सीट बैल्ट के प्रति लापरवाह
आरटीओ ने बताया कि 68 प्रतिशत लोग सीट बैल्ट लगाने में लापरवाही बरतते हैं, जबकि सीटबैल्ट का उपयोग न करने पर होने वाले हादसों में 16 प्रतिशत लोग मौत का शिकार बनते हैं। इसके अलावा 16 लाख हादसे ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के कारण हो रहे हैं। देश में औसतन प्रतिदिन 29 नाबालिग वाहन चालक मौत का शिकार बन रहे हैं। जबकि 25 से 40 वर्ष आयु वर्ग अधिकांशता अपने परिवार में सूनापन करने के लिए जिम्मेवार हैं। इस अवसर पर तहसीलदार हरोली विपिन ठाकुर, एसआई पूनम, एएसआई बलदेव राज, एआरटीओ राकेश कौशल, एमवीआई अजय कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे।