स्वामी चन्नानंद जी त्याग व तपस्या की मूर्ति थे: बाबा बाल जी ***कहा, धर्म के मार्ग पर चल ही दूर हो सकती कमियां ***महंत मंगलानन्द महाराज ने संतों का किया सम्मान।
ऊना / 18 दिसम्बर / राजन चब्बा : उत्तर भारत के प्रसिद्ध महादेव मंदिर कोटला कलां में ब्रह्मलीन 1008 स्वामी चन्नानंद महाराज जी की बरसी का कार्यक्रम धर्म सम्मेलन के रूप में आयोजित किया गया ।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महंत मंगल आनंद महाराज ने की जबकि कार्यक्रम में राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज, संत रामानंद जी महाराज सहित अन्य प्रतिष्ठित संत विशेष रूप से उपस्थित रहे। आचार्य रोशन लाल जी व पंडितों ने पूजा अर्चना की ।वही कथा व्यास तरुण डोगरा ने धार्मिक प्रवचन ओं के साथ श्रद्धालुओं को प्रभु भक्ति से जोड़ने का प्रयास किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन 1008 स्वामी चन्णानंद महाराज का जीवन त्याग व तपस्या की मूर्ति के रूप में रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से स्वामी चन्नानन्द महाराज ने तपस्या कर इस प्राचीन स्थान को नई पहचान दी। उसके लिए स्वामी चन्नानंद जी की भक्ति का विशेष योगदान है। उन्होंने कहा कि महादेव मंदिर जंगल में मंगल जैसा है ,जो श्रद्धालुओं को सुख सुविधा के साथ-साथ शांति प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि स्वामी चन्नानंद जी के शिष्य महंत मंगलानन्द उन्हीं के दिखाए हुए मार्ग पर आगे बढ़ते हुए धर्म को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं ।राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि वर्तमान समय में धर्म का विशेष महत्व है और धर्म के साथ जुड़ने के लिए हम सबको प्रयत्नशील रहना चाहिए, उन्होंने कहा कि समाज में जो कमियां हैं उनको हम धर्म के मार्ग पर चलकर ही खत्म कर सकते ,कुछ अवरोध व बाधाएं आती हैं लेकिन धर्म के मार्ग पर लगातार आगे बढ़ने से यह कमियां दूर हो जाती हैं और समाज, राष्ट्र ,विश्व आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट परीक्षा की तरह है, इसमें सब धर्म का पालन करें ,नियमों का पालन करें और भक्ति के मार्ग पर चलें तो इस संकट से भी जल्दी मुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर के आस्था को आगे बढ़ाएं और धार्मिक कार्यों में बच्चों को युवा पीढ़ी को लगाने का प्रयास करें ,ताकि वह सकारात्मक भूमिका से आगे बढ़ सके और नकारात्मक विचार उनके पास ना आ सके। इस अवसर पर स्वामी रामानंद महाराज ने कहा कि धर्म में वह शक्ति है जो हर कार्य को पूर्ण करवा सकता है। उन्होंने कहा कि महादेव मंदिर एक का धार्मिक स्थल ऐसा है यहां लोग श्रद्धा के साथ आते हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको श्रद्धा को आगे बढ़ाते हुए धार्मिक शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए बेहतर जीवन जीने में आगे बढ़ना चाहिए और विश्व कल्याण हो ऐसी कामना करनी चाहिए। इस अवसर पर ब्रह्मलीन स्वामी 1008 चन्नानंद महाराज के परम शिष्य महंत मंगलानंद जी महाराज ने आए हुए संतों का सम्मान किया और कहा कि सबका स्नेह आशीर्वाद इसी प्रकार बना रहे और धर्म की अलख जगाते हुए हम विश्व के कल्याण की कामना के साथ आगे बढ़ते रहें और समाज की कुरीतियों को खत्म करने में धर्म अपना योगदान दें इसके लिए प्रयास करते रहे। इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे संगत में महाराज का आशीर्वाद लिया व प्रसाद भी ग्रहण किया।