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विधानसभा सत्र को टालना सरकार का गलत निर्णय :सतपाल सिंह रायजादा.

ऊना सदर के कांग्रेस के विधायक सतपाल सिंह रायजादा।

ऊना / 05 दिसम्बर / राजन चब्बा ऊना सदर के विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने कहा कि विधानसभा सत्र को टालना सरकार का गलत निर्णय रहा है। जब एक बार सरकार ने खुद ही विधानसभा सत्र की तिथियां तय की, तो सवाल आने के बाद चर्चा से भागना साबित करता है कि मुख्यमंत्री सवालों का सामना करने से डरते हैं।
शनिवार को जारी प्रेस बयान में विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने कहा कि कांग्रेस के विधायक हर समय किसी भी चर्चा के लिए विधानसभा की तैयार है, क्योंकि आज मुख्य रूप से हिमाचल को बचाने, हिमाचल के लोगों को सुरक्षित करने व हिमाचल में कोरोना से निपटने के लिए व्यावहारिक निर्णय लेने की जरूरत है। सतपाल ने कहा कि जयराम सरकार ने तो जनता पर बोझ लादा है। सरकार यह बताएं कि किसी भी व्यक्ति को क्या एक रुपए की भी मदद इस संकट में की गई है। जिन लोगों की कोरोना से मृत्यु हुई है, उन्हें आपदा के तहत लेकर के 4 लाख प्रति परिवार दिया जाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी इस नाजुक समय में प्रदेश की जनता की सुरक्षा के साथ है और जनता के लिए सवाल उठाना विपक्ष के नाते हमारा फर्ज है। उन्होंने कहा कि सरकार को अच्छा लगे या बुरा लगे विपक्ष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री या सरकार यह सोचे कि विपक्ष की आवाज को दबा लेंगे तो यह उनकी गलतफहमी है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर को यह जानकारी होनी चाहिए कि नेता विपक्ष का दर्जा मुख्यमंत्री नहीं देते हैं, बल्कि यह विधानसभा से मिलता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल व कांग्रेस हाईकमान ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मुकेश अग्निहोत्री को दी है और विधायक दल हिमाचल की जनता की आवाज उठाने का काम कर रहा है और बोलने की बजाय मंत्री को मुख्यमंत्री से बात कर दर्जा वापिस करवा दे, मुकेश तो इसको ले खुलेआम बोल चुके है। उन्होंने कहा कि वैसे भी वीरेंद्र कंवर तो भाजपा के मुख्यमंत्री के चेहरे धूमल के साथ थे और जीत के बाद भी जब धूमल की हार हुई तो अपनी सीट छोडऩे के लिए तैयार थे, तो उन्हें भी पता है कि मुख्यमंत्री जयराम को कैसे कुर्सी मिली है?  इसलिए वे कांग्रेस पर बोलने से पहले भाजपा के भीतर की स्थितियां देख लें। रायजादा ने कहा कि  जिस प्रकार से कोरोना से निपटने में सरकार विफल हुई है और दो न्यायालयों को निर्देश देने पड़े हैं और हालत यह है कि हाईकोर्ट के निर्देश के पालन में भी सरकार आगे नहीं आ रही है, अभी विचार कर रही है। इसी से साबित होता है कि सरकार की संवेदनशीलता कैसी है? सतपाल  ने कहा कि अवैध खनन के मसले पर जिस प्रकार से हमने मामला उठाया है, उसके बाद सरकार को मिर्ची लगी है। चालान के आंकड़े दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंकड़े सरकार यह दे कि गाडिय़ां छोड़ी कितनी है, बॉर्डर पार कितनों को करवाया है? रात को दूधिया रोशनी से स्वां में रेत का कारोबार होता है, पीले पंजे चलते हैं, उन्हें रोकने के लिए कौन-कौन सी कार्रवाई हो रही है? उन्होंने कहा कि हम जनता के हित के लिए लड़ते हैं और लडऩे से कभी परहेज भी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ नेता सरकार की बैसाखियों के सहारे विभागों को सत्ता का रौब दिखा उद्घाटन, शिलान्यास व निरीक्षण करने का काम कर रहे हैं, वह अपना काम करें, जनता को पता है की उनकी क्या कारगुजारी ऊना में रही है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन के कारोबार में कौन-कौन लोग शामिल हैं ,यह सब जानकारियां हैं। उन्होंने कहा कि हमने तो साफ कहा है कि यदि सरकार को तकलीफ है, तो सरकार सभी लीज को रद्द करें। उन्होंने कहा कि माफिया के विरुद्ध आवाज उठाने से हम पीछे नहीं हटेंगे, सरकार दमखम रखकर कार्रवाई करें, वरना आंदोलन के लिए तैयार रहें।
भाजपा नेता जेपी नड्डा से ले लें जानकारी
विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में सत्ता में आकर लोकतंत्र के मूल्यों का हनन करने, उनको रौंदने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में और संवैधानिक व्यवस्था में भाजपा का विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से जानकारी ले लेनी चाहिए कि जब हिमाचल में 1993 में भाजपा के पास दहाई की संख्या में भी विधायक नहीं थे, तब कांग्रेस ने नड्डा को विपक्ष के नेता माना था विस में।

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