ऊना / 20 नवम्बर / राजन चब्बा:
जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाइका) द्वारा वित्तपोषित, शिमला की वानिकी परियोजना से एक उच्च स्तरीय टीम आज ऊना की स्वां वुमेन फ़ैडरेशन संस्था का अध्ययन भ्रमण किया । इस टीम में वानिकी परियोजना की क्रियान्वयन टीम के अधिकारियों के अलावा वन विभाग के विषय वाद विशेषज्ञ भी शामिल थे । यह परियोजना प्रदेश के 6 जिलों में कार्य कर रही है ।
परियोजना की आजीविका सृजन गतिविधिओं की विषय वाद विशेषज्ञ रीना शर्मा और रिचा मेहता ने बताया कि वानिकी परियोजना द्वारा स्थानीय कृषको के स्वयं सहायता समूह गठित किए गए हैं, जिन्हें जड़ी-बूटी और वनों पर आधारित उत्पादों को तैयार करने और उनके विपणन के लिए तैयार प्रशिक्षित जा रहा है ।
रीना शर्मा ने बताया कि ऊना में स्वां वुमेन फ़ैडरेशन द्वारा 712 महिला स्वयं सहायता समूहों को गठित कर आय सृजन गतिविधिओं को अंजाम दिया जा रहा है । उन्होने बताया कि स्वां वुमेन फ़ैडरेशन के आजीविका सृजन और लघु बचत योजनाओं को एक मोडेल के रूप में अपनाने के लिए जाइका ने प्रदेश में वित्तपोषित अन्य परियोजनाओं को लागू करने की सलाह दी है । उन्होने कहा कि आज वानिकी परियोजना के अधिकारियों का पहला अध्ययन भ्रमण स्वां वुमेन फ़ैडरेशन की गतिविधिओं को समझने के लिए आयोजित किया गया जिस दौरान उन्होने फ़ैडरेशन से समूहों के संचालन, लघु बचत और आजीविका सृजन गतिविधिओं बारे जानकारी हासिल की और संस्था द्वारा चलाई जा रही स्वां वुमेन सहकारी सभा और ‘स्वां स्पाइसेज’ मसाला इकाई का भ्रमण किया । उन्होने कहा कि यह भ्रमण, सभी के लिए सूचनाप्रद और लाभदायक सिद्ध हुआ और फ़ैडरेशन द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों को वे अपनी परियोजना के लाभार्थियों के लिए भी लागू करेंगे । उन्होने कहा कि भविष्य में स्वां वुमेन फ़ैडरेशन के भ्रमण दौरे के लिए परियोजना के प्रगतिशील कृषकों और स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को भी भेजा जाएगा ।
स्वां वुमेन सहकारी सभा की अध्यक्षा राज कुमारी ने बताया कि गत 5 वर्षों के दौरान फ़ैडरेशन के सदस्यों को लगभग 10 करोड़ रुपये की लघु बचत सेवाएँ दी गईं, जबकि महिलाओं को आय सृजन गतिविधिओं को शुरू करने के लिए लगभग 4 करोड़ रुपये ऋण के रूप में वितरित किए गए । फ़ैडरेशन की अध्यक्षा सुंभद्रा देवी ने संस्था की लगभग 10,000 महिला सदस्यों के लिए चलाई का रही योजनाओं बारे चर्चा की ।
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