ऊना / 20 नवम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़ :
पीजीआई सैटेलाइट सेंटर चिकित्सा सेवा क्षेत्र में जि़ला ऊना के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसका निर्माण, केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। यह जानकारी आज उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने परियोजना के निर्माण कार्यों की प्रगति को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। बैठक में पीजीआई चण्डीगढ़ के नोडल अधिकारी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उपस्थित रहे।
उपायुक्त ने बताया कि परियोजना के लिए रक्कड़ में पहले 33 केवी सिंगल सर्किट सब-स्टेशन का निर्माण प्रस्तावित था, जिसे सिंगल लाइन से जोड़ा जाना था। इसके लिए 1.15 करोड़ रूपये का आकलन तैयार किया गया था, लेकिन पीजीआई टीम के हाल ही के दौरे के दौरान दो विद्युत सब-स्टेशनों से जोड़कर विद्युत आपूर्ति करने हेतु इसका पुन: व्यय आकलन तैयार किया जा रहा है, जिसे एक सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा।ऊना बसोली से पीजीआई सैटेलाइट सेंटर तक 24 मीटर चौड़ी सम्पर्क सड़क के निर्माण हेतू 66.87 लाख रूपये की राशि में से 30 लाख रूपये की राशि लोक निर्माण विभाग को जारी कर दी गई है। भू-सीमांकन प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत तथा निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है तथा इसे मार्च, 2021 तक पूरा भी कर लिया जाएगा।
उपायुक्त ने विभाग को निर्देश दिए कि अतिरिक्त धनराशि जारी करने मांग शीघ्र की जाए, ताकि निर्माण कार्य समयबद्ध पूरा हो सके।उपायुक्त ने पीजीआई अधिकारियों से कहा कि परियोजना परिसर में पेड़ों की कटाई हेतु आवेदन पत्र वन विभाग को शीघ्र प्रेषित करें, ताकि इस लंबी प्रक्रिया को समयबद्ध पूर्ण किया जा सके।राघव शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस महत्वकांक्षी परियोजना को निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाए। इसके अलावा परियोजना से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों को सभी विभाग आपसी तालमेल से पूरा करना सुनिश्चित करें।बायो मैडिकल वेस्ट के समाधान हेतू संभावनाएं तलाशेंउपायुक्त ने जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को बायो मैडिकल वेस्ट के समाधान के लिए संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए।
इसके अलावा परियोजना के लिए अलग से जलापूर्ति योजना के निर्माण हेतु 4.91 करोड़ रूपये की स्वीकृत राशि के मुकाबले एक करोड़ रूपये की राशि जारी कर दी गई है, जिससे तीन में से दो बोरवैल का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।सीवरेज़ ट्रीटमेंट प्लांट अलग से बनाया जाएउपायुक्त ने पीजीई नोडल अधिकारी को अवगत करवाया की शहर की सीवरेज़ प्रणाली सैटेलाइट केन्द्र से लगभग 5 किलोमीटर दूर है, जिससे परियोजना के सीवरेज़ को जोड़ना काफी खर्चीला और असंभव भी है। उन्होंने सुझाव रखा कि परियोजना के लिए अलग से सीवरेज़ प्लांट स्थापित करने हेतु लगभग सवा दो करोड़ धनराशि की आवश्यकता होगी, जो कम लागत वाली व कारगर भी रहेगी।
उन्होंने आश्वस्त किया कि जिला स्तर पर हर माह परियोजना के विभिन्न निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट ईमेल के माध्यम से पीजीआई चंडीगढ़ को भी भेजी जाएगी। बैठक में एडीसी डॉ. अमित कुमार शर्मा, पीजीआई चंडीगढ़ के नोडल अधिकारी डॉ. राकेश सहगल, सीएमओ डॉ. रमन कुमार शर्मा, एसई विद्युत अश्वनी शर्मा, अधिशाषी अभियंता खुशविन्दर सिंह, एसई लोक निर्माण एनपी सिंह, एसडीओ लोक निर्माण सुनील कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।