November 23, 2024

अजौली बनी आदर्श पंचायत*** स्वच्छता से आया जीवन में परिवर्तन ***कूड़ा संयंत्र से कमाई *** पंचायत ने जीते कई स्वच्छता पुरस्कार

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ऊना / 29 अक्तूबर / राजन चब्बा:

ऊना विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली ग्राम पंचायत, अजौली हिमाचल प्रदेश में स्वच्छता की मिसाल बनकर उभरी है। पंचायत की साफ-सुथरी गलियां बाहें खोले आगुन्तकों का स्वागत करती हैं। लेकिन यह तस्वीर पहले ऐसी ना थी। कुछ साल पहले तक यहाँ की गलियों में गंदगी का अंबार लगा रहता था। लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों की कड़ी मेहनत, स्थानीय निवासियों के सहयोग तथा सरकार द्वारा मुहैया धनराशि के सही इस्तेमाल से यहाँ के वातावरण में बड़ा परिवर्तन आया। 

              आज ग्राम पंचायत, अजौली के 400 से अधिक घरों से कूड़ा एकत्रित कर पंचायत घर के समीप बने एक शैड में लाया जाता है। जहाँ पर तीन मशीनों के मदद से कूड़ा छाँट कर अलग किया जाता है। बायो मेडिकल वेस्ट का निपटारा बिजली से चलने वाली मशीन (इंसीनिरेटर) में डालकर किया जाता है। कूड़े से निकले प्लास्टिक के सामान को मशीन में डालकर उसके छोटे-छोटे टुकड़े किए जाते हैं और इन प्लास्टिक के टुकड़ों को बद्दी में प्लास्टिक की रिसाइकलिंग करने वाली फैक्ट्रियों को बेच दिया जाता है, जिससे पंचायत को नियमित आय हो रही है। इसके अलावा रसोई से निकलने वाले कचरे, जैसे कि सब्जियों तथा फलों के छिलके आदि, को कंपोस्ट मशीन में डालकर उत्तम गुणवत्ता की कंपोस्ट खाद तैयार की जाती है। कम्पोस्ट मशीन की निवारण क्षमता 150 किलोग्राम प्रतिदिन है और इससे हर रोज़ 15 किलो खाद प्राप्त होती है।     

          बीडीओ, ऊना रमनवीर चौहान बताते हैं कि ग्राम पंचायत, अजौली में ठोस कूड़ा संयंत्र लगाने पर लगभग 20 लाख रुपए खर्च किए गए। शैड बनाने पर छ: लाख और तीन मशीनों की खरीद पर 12.50 लाख रुपए खर्च किए गए। हर परिवार को हरा तथा नीला कूड़ादान उपलब्ध करवाने के लिए 2.5 लाख रुपए व्यय किए गए, ताकि हर घर गीले तथा सूखे कूड़े को अलग-अलग इकट्ठा कर सके।              

  पंचायत में ठोस कूड़े के अलावा गंदे पानी का निपटारा करने के लिए अंडरग्राउंड नालियाँ बनाई गई हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत पंचायत को प्राप्त 20 लाख रुपए की मदद से अंडरग्राउंड नालियों का निर्माण किया गया है, जिसका पानी तालाब में एकत्रित किया जाता है।             

  कूड़ा संयंत्र लगने के बाद पंचायत की साफ-सफाई में व्यापक सुधार आया है और परिणामस्वरूप पंचायत ने कई पुरस्कार जीते हैं। वर्ष, 2013 में निर्मल ग्राम पुरस्कार के तहत पंचायत को 10 लाख और 2016 में महर्षि वाल्मीकि संपूर्ण स्वच्छता पुरस्कार के तहत अजौली को पाँच लाख का इनाम मिला। वर्ष, 2018 में भी स्वच्छता के लिए अजौली पंचायत को एक लाख रुपए मिले।             

  छठे राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सत्ती कहते हैं कि स्वच्छता के क्षेत्र में अजौली पंचायत ने अच्छा कार्य किया है तथा पंचायत पूरे जि़ला ही नहीं राज्य में भी एक मिसाल बनकर सामने आई है। इसके लिए पंचायत के प्रतिनिधि तथा निवासी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता यज्ञ में अपनी आहुति डाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दिया है, जिसके चलते लोगों में जागरूकता आई है।               

वहीं, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर कहते हैं कि प्लास्टिक की समस्या का निपटारा करने के लिए प्रदेश में कूड़ा संयंत्र बनाए जा रहे हैं। सबसे पहले कांगड़ा जि़ला की आईमा पंचायत में स्थापित किया गया था, जिससे पंचायत को अब प्रतिमाह 1.50 लाख रुपए की आय हो रही है। आने वाले दो वर्षों में प्रदेश की 1000 पंचायतों को कचरा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

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