कोरोना से हुई मौतों को प्राकृतिक आपदा मानते हुए प्रदेश सरकार प्रत्येक मृतक को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता करें प्रदान : मुकेश अग्निहोत्री
ऊना / 16 अक्तूबर / राजन चब्बा
कोरोना से हुई मौतों को प्राकृतिक आपदा मानते हुए प्रदेश सरकार प्रत्येक मृतक को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करें। यह बात नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कही। शुक्रवार को जारी बयान में मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि कोरोना से हुई मौत सामान्य नहीं है। ऐसे में कोरोना से हुई मौत को प्राकृतिक आपदा घोषित करते हुए मृतक परिवारों को तत्काल यह राशि जारी की जाने चाहिए। मुकेश ने कहा कि प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों को लेकर कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। इसका प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा। मुकेश ने कहा कि कांग्रेस जिला भर में प्रदर्शन कर विरोध जताएगी।
मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि सरकार कोरोनो को हलके में ले रही है। न तो लोगों को कोई सुविधाएं दे रही है और न ही किसी प्रकार की किसी की मदद की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने में जयराम सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। अव्यवस्था के आलम के चलते जहां रोगियों की मौत हो रही है, वही जरनल बीमारियों में भी इलाज न मिलने से लोग मर रहे है। उन्होंने कहा कि 500 वेंटिलेटर पेटियों में बंद है, जिन्हें चलाना वाला कोई नहीं।
प्रदेश की जनता राम भरोसे चल रही है, जयराम को भूलती जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस संकट के दौर में जनता के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं से खौफ पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग अपने कोरोना योद्धाओं को भी सुरक्षा देने में नाकाम है। डाक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मी को अपनी सुरक्षा खुद करनी पड़ रही।
प्रदेश मेंं जनता भय और निराशा के माहौल में जी रही है। यही आत्महत्याओं का सबसे बड़ा कारण है। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि जयराम के राज में लोग तनाव में हैं। नौकरियां छूट गई हैं। कारोबार बंद हो चुके हैं। एक तरफ नौकरी और कारोबार बंद होने से लोगों में निराशा है तो दूसरी तरफ बिजली के बिल और दूसरे टैक्सों ने पूरी तरह से तांडव मचाया है। ऐसे समय में जबकि लोग संकट में हैं, 2-2 महीने के बिजली के बिल दिए जा रहे हैं। बिजली के बिलों में भी काफी बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। उन्होंने पूछा कि क्या यही कल्याणकारी सरकार है जो मुसीबत के समय भी लोगों को लूट रही है।
नेता विपक्ष ने कहा कि एक तरफ बिजली के बिल तो दूसरी तरफ सीमैंट के दाम, बस किराया में वृद्धि, राशन के दामों में बढ़ौतरी के साथ-साथ पैट्रोल व डीजल के रेट भी बढ़े हैं। लोगों पर कई प्रकार की मार पड़ रही है। सरकार बताए कि इस संकट के समय उसने लोगों की किस प्रकार से मदद की है। आपदा के समय सीमैंट के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में हाहाकार मचा हुआ है लेकिन सरकार पूरी तरह से गहरी निंद्रा में सोई हुई है।