ऊना / 15 अक्तूबर / राजन चब्बा :
हिमाचल प्रदेश सरकार और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जायका) के सहयोग से राज्य में क्रियान्वित परियोजना ने ऊना ज़िला के लोअर बढ़ेडा के किसानों को सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है। अपनी मेहनत और लगन तथा जायका के सहयोग से लोअर बढ़ेडा के किसानों ने सब्ज़ी उत्पादन में अपनी अलग पहचान क़ायम करते हुए, इसे अपनी आय के प्रमुख साधन के रूप में निर्मित किया है।
इस संबंध में कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में सब्ज़ी उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। जायका परियोजना इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जायका ने फसलों के विविधीकरण तथा ग़ैर मौसमी सब्ज़ियों के उत्पादन के अलावा किसानों को प्रशिक्षित करने में मदद की है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। ज़िला ऊना के लोअर बढ़ेडा के किसानों ने इस परियोजना का भरपूर लाभ उठाया है। पहला चरण पूरा होने के बाद जायका के दूसरे चरण में 11,04 करोड़ रुपये की परियोजना वित्त पोषित करने का प्रस्ताव रखा गया है।
कंवर ने कहा कि दूसरा चरण लागू होने के उपरांत पूरे प्रदेश में किसानों को दलहन तथा तिलहन की खेती की ओर ले जाने का प्रयास किया जाएगा ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने किसानों से जायका परियोजना के अलावा हिमाचल प्रदेश सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ उठाकर नक़दी फ़सलें उगाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने की अपील की।
लोअर बढ़ेडा में जायका ने सौर ऊर्जा संचालित सिंचाई व्यवस्था का प्रबंध किया है। ट्यूबवैल के निर्माण पर क़रीब 30 लाख रुपये ख़र्च करने के अतिरिक्त 17 लाख रुपए की लागत से स्थापित सौर पैनलों के माध्यम से ट्यूबवैल का पानी निकालकर किसान के खेतों में सिंचाई के लिए पहुंचाया जाता है। सोलर पैनल स्वतः सूर्य की दिशा में घूमते हैं और इस प्रकार किसानों को बिल्कुल निःशुल्क पानी मिलता है। जायका ने गांव में सब्ज़ियों की नर्सरी तथा पौध की उपलब्धता के लिए 1.66 लाख रुपए की लागत से पॉलीहाउस का निर्माण भी करवाया है। कुछ किसानों को टपक तथा स्प्रिंकलर प्रणाली उपलब्ध कराने के लिए दो लाख की धनराशि व्यय की है।
गांव के किसान रघुबीर सिंह कहते हैं कि लोअर बढ़ेडा की सफलता में जायका का अहम योगदान है। परियोजना के तहत प्रशिक्षित किसान आधुनिक प्रोद्यौगिकी से अपना उत्पादन बढ़ा रहे हैं। गांव में सब्ज़ियों के अलावा चावल की खेती की जा रही है। उन्होंने ख़ुद पिछले साल लगभग साढ़े चार लाख रुपए की सब्ज़ियां बेची थीं।
लोअर बढे़डा के ही संजीव कुमार बताते हैं कि पहले सिंचाई के लिए बिजली का प्रयोग किया जाता था। लेकिन सौर ऊर्जा ने किसानों का बिजली का ख़र्च कम कर दिया है; जिससे उनकी आय बढ़ने से उन्हें लाभ मिला है। ट्यूबवैल से लगभग 10.66 हैक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिली है, जिससे लोअर बढ़ेड़ा के 37 किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं। जायका ने किसानों के कृषि उत्पादों को खेतों से सड़क तक पहुंचाने के लिए लगभग पांच लाख रुपए की लागत से सड़क का निर्माण भी किया है।
एक अन्य किसान कुलवंत सिंह कहते हैं कि उनके पास पांच कनाल भूमि खेती के लिए उपलब्ध है। दो साल पहले जायका की ओर से पावर टिलर मिला था, जिससे बुआई सुगम हो गई। वह मक्की की फसल काटने के बाद अब आलू का बीज लगा रहे हैं।
ऊना खंड के परियोजना प्रबंधक कुलभूषण धीमान बताते हैं कि जायका की परियोजना के तहत लोअर बढ़ेड़ा के किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा 80:20 के अनुपात में कृषि उपकरण प्रदान किए गए हैं। जायका के प्रशिक्षण तथा कड़ी मेहनत से किसानों को मुनाफ़ा हो रहा है। पहले किसानों की आमदन प्रति हैक्टेयर महज़ 60 हजार रुपए थी, जो अब बढ़कर 5.50 लाख रुपए हो गई है।