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अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बेटियों को किया सम्मानितबेटियों को आत्मनिर्भर बनने के लिए दें हर संभव योगदान: सत्ती

ऊना, 11 अक्तूबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़:

अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आज जिला परिषद सभागार में जिलास्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता छठे राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने की। समारोह में मुख्यातिथि ने 10वीं तथा 12वीं में अव्वल रहीं जिला की 47 बेटियों को 21-21 हजार रूपये के कुल 9.87 लाख राशि के चैक प्रदान करके सम्मानित किया। 

समारोह में मेरे गांव की बेटी मेरी शान योजना के तहत जिला की छह बेटियों अजोली की सुजाता कपिला, सनोली की दविन्द्र कौर, लोअर अरनियाला की हिमानी बेंस व वंदना कुमारी, बसेदहड़ा की अंशुल और नगनोली की प्रवीण लता खड़वाल को विभिन्न क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। ऊना उत्कर्ष योजना के तहत पचास स्थानीय दुकानदारों को भी अपनी दुकानों को बेटियों के नाम से प्रदर्शित करने हेतु बोर्ड प्रदान करके सम्मानित किया गया। इसके अलावा जिला के 21 स्कूलों के प्रधानाचार्यों को भी सम्मानित किया गया।सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि सनातन के इतिहास में नारी हमेशा पूजनीय रही है।

उन्होंने कहा कि भले ही समग्र भारत में वेशभूषा, धर्म, रहन-सहन, खानपान इत्यादि की विविधता है लेकिन हमारी संस्कृति एक ही है। इस संस्कृति ने ही हमें एक धागे में पिरोए रखा है। भारतीय संस्कृति हमें नारी की सम्मान करना सिखाती है और हमें अपने संस्कारों को अनंतकाल तक संजाये रखना है। उन्होंने कहा कि आज बेटियां भी बेटों के समान हर क्षेत्र में अहम योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि बेटियां शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान, राजनीति, खेल गतिविधियों सहित कई क्षेत्रों में अपना सहभागिता दर्ज करके देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। उन्होंने कहा हम सभी का कर्तव्य है कि बेटी तथा बेटे में कोई भेदभाव न करें। बेटियों को भी बेटों के बराबर जीवन में आगे बढऩे तथा सामाजिक व आर्थिक उत्थान में हर संभव योगदान दें ताकि वे भी आत्मनिर्भर बनकर सफल जीवन जी सकें।सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिला ऊना में शिशु लिंगानुपात चिंता का विषय था। जनगणना 2011 के अनुसार जिला में हजार लडक़ों के अनुपात में बेटियों की संख्या 850 थी।


उन्होंने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन के अनूठे प्रयासों से आज इस अनुपात में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और ऊना उत्कर्ष जैसी योजनाओं के माध्यम से जागरूकता की जो अलख जगाई गई है, उसी का परिणाम है कि आज जिला में प्रति हजार बेटों के अनुपात में बेटियों की संख्या 925 हो गई है। उन्होंने कहा कि बेटियों के प्रति सकारात्मक मानसिकता विकसित होने से ही समाज से कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीति को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।इस मौके पर बच्चों की फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इन बच्चों को भी मुख्यातिथि द्वारा सम्मानित किया गया।


इस अवसर पर मंडलाध्यक्ष अशोक धीमान, नगर परिषद ऊना के पार्षद विनोद पुरी, एडीसी डॉ अमित कुमार, एसडीएम ऊना डॉ सुरेश जसवाल, उच्च शिक्षा उपनिदेशक पीसी राणा, प्राथमिक शिक्षा उपनिदेशक देवेन्द्र चंदेल, डाईट देहलां के प्रधानाचार्य देवेन्द्र चौहान, जिला कार्यक्रम अधिकारी, आईसीडीएस सतनाम सिंह, सीडीपीओ ऊना कुलदीप सिंह दयाल, सीडीपीओ बंगाणा हरिश मिश्रा, सीडीपीओ अंब अनिल कुमार, आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य उपस्थित थे। -000-

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