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नए कृषि विधेयकों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का प्रावधानः वीरेंद्र कंवर

मंत्री वीरेंद्र कंवर

*दो नए विधेयक पास होने का कंवर ने किया स्वागत, कहा-किसानों के जीवन में आएगा क्रांतिकारी बदलाव

ऊना / 20 सितंबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़

कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने संसद में कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य विधेयक 2020 तथा कृषक बीज आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 पारित होने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह दो नए बिल पास होने से देश के किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। किसानों के जीवन की दशा व दिशा बदलने वाले इन दोनों विधेयकों के लिए वीरेंद्र कंवर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर का आभार जताया।

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि नए विधेयकों में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज की खरीद का प्रावधान रहेगा लेकिन कुछ दल इस मामले पर भ्रम फैला रहे हैं। विधेयकों में केवल किसान हित का संरक्षण करने की बात की गई है। नए प्रावधानों के मुताबिक उपज की बिक्री के बाद किसानों को तीन दिन के भीतर मूल्य का भुगतान करना होगा। कृषि उत्पादों पर टैक्स शून्य होने से किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होगा। बिल में प्रावधान है कि जहां किसानों और व्यापारियों को मंडी से बाहर फसल बेचने की आज़ादी होगी, वहीं इससे उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य प्राप्त होगा। लेकिन मंडियों की व्यवस्था समाप्त नहीं होगी तथा वहां पर पहले की भांति ही कारोबार होगा।

कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र को आज आधुनिकतम तकनीक की तत्काल आवश्यकता है, इससे मेहनतकश किसानों को मदद मिलेगी। इन बिलों के पास होने से किसानों की पहुंच भविष्य की तकनीक तक होगी, जिससे न केवल उपज बढ़ेगी, बल्कि बेहतर परिणाम सामने आएंगे। बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से किसानों को सही मूल्य प्राप्त होगा। 

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि बिल में अनुबंधित किसानों को गुणवत्ता वाले बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करना, तकनीकी सहायता और फसल स्वास्थ्य की निगरानी, ऋण की सुविधा और फसल बीमा की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान है। जिससे निश्चित रूप से किसानों का लाभ मिलेगा। देश में 10 हजार एफपीओ गठन करना भी एक महत्वपूर्ण निर्णय है। 

कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए इन विधेयकों का इक्का-दुक्का दल विरोध कर रहे हैं क्योंकि अपने घोषणा पत्र में इन्हीं बिंदुओं को शामिल करने के बावजूद वह इन्हें लागू करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। 

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