ऊना / 1 सितम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़
”कभी सोचा न था कि हमारा अपना भी घर होगा! हम अपना $खुद का घर भी बना पाएंगे। लेकिन प्रदेश सरकार ने घर बनाने के लिए हमें भूमि प्रदान की है। अब अपने घर का सपना सच होने जा रहा है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का हार्दिक धन्यवाद। इन कृतज्ञता भरे शब्दों में ऊना के वार्ड नंबर 3 में गलुआ निवासी विशाल कुमार प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते नहीं थकते। उनके परिवार को प्रदेश सरकार की 2/3 बिस्वा योजना के अंतर्गत घर बनाने के लिए भूमि प्रदान की गई है।
विशाल कहते हैं कि ऊना में का$फी सालों से रह रहे उनके परिवार के पास न तो घर बनाने के लिए जगह थी और न ही ज़मीन खरीद कर मकान बनाने की हैसियत। अब उनके परिवार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने हेतु धन प्राप्त करने के लिए आवेदन किया है। पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर प्रदेश सरकार की 2/3 बिस्वा योजना के बारे में बताते हुए कहते हैं कि इस योजना के तहत पात्र परिवारों को घर बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाई जाती है। मापदंड पूरा करने वाले परिवारों को प्रदेश सरकार की ओर से शहरी क्षेत्रों में मकान बनाने के लिए दो बिस्वा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि प्रदान की जाती है। इसके लिए संबंधित जि़लाधीश के पास आवेदन करना होता है तथा भूमि के संबंध में पटवारी जि़लाधीश को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
समूर कलां निवासी कांता देवी भी 2/3 बिस्वा योजना की लाभार्थी हैं। प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें मकान बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाई गई है।
उन्होंने बताया कि उनका परिवार झुग्गियों में रहता था। लेकिन जब घर बनाने के लिए भूमि हेतु आवेदन किया तो सरकार ने उन्हें ज़मीन मुहैया करवा दी। इसी तरह प्राइवेट नौकरी करने वाले ऊना के वार्ड नंबर तीन निवासी प्रवीण कुमार को भी इसी योजना के तहत भूमि मिली है। प्रवीण का परिवार किराए के मकान में रहता है। लेकिन भूमि मिलने के बाद अपना घर नसीब होने के याल से उनका परिवार बेहद प्रसन्न है। प्रवीण इसके लिए हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का धन्यवाद करते नहीं थकते।
योजना के अंतर्गत पात्रता 2/3 बिस्वा योजना के तहत प्रार्थी हिमाचल का स्थाई निवासी होना चाहिए। उसकी वार्षिक आय 50,000 रूपए से कम होनी चाहिए। इसके अलावा प्रार्थी भूमिहीन हो या उसकी समस्त भूमि बाढ़ जैसी किसी प्राकृतिक आपदा में बह चुकी हो और उसके पास मकान बनाने के लिए उपयुक्त भूमि न हो। उसे किसी सरकारी योजना अथवा नियम के अंतर्गत पहले भूमि आवंटित न हुई हो और उस भूमि को आगे हस्तांतरित या बेचा न गया हो। प्रार्थी को हिमाचल में मुज़ारियत एवं भू-सुधार अधिनियम, 1972 के अंतर्गत मालिकाना हक प्राप्त न हुआ हो। उसे सीलिंग एक्ट के अंतर्गत भूमि आवंटित न हुई हो और भूमि को आगे हस्तांतरित अथवा बेचा न गया हो। यदि किसी प्रार्थी महिला का पति जीवित न हो और वह भूमिहीन श्रेणी में दर्ज था, तो ऐसी स्थिति में उसे भी भूमिहीन माना जाएगा।
आवश्यक दस्तावेज़ इस संबंध में जि़लाधीश ऊना संदीप कुमार बताते हैं कि 2/3 बिस्वा योजना के तहत आवेदनकर्ता को एक सादे कागज़ पर प्रस्तुत अपने प्रार्थना-पत्र के साथ ग्राम पंचायत द्वारा उसे भूमि आवंटित किए जाने के संबंध में जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र और यदि प्रस्तावित रकबा टीसीपी के अंतर्गत है, तो टीसीपी का अनापत्ति प्रमाण-पत्र, तीन पीढियों की शजरा-नस्ब प्रतिलिपि, परिवार रजिस्टर की नकल, वैध आय प्रमाण-पत्र तथा स्थाई हिमाचली होने का प्रमाण-पत्र लगाना ज़रूरी है। यदि प्रस्तावित र$कबा किसी प्रकार से वन विभाग से संबंधित है तो वन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र, आवंटन की प्रस्तावना (दो परता), जिसमें ततीमा, फील्ड बुक तथा र$कबा की साबि$क एवं जदीद सूरत होंगे।