टौणी देवी के रेड रिबन क्लब का आह्वान….. एड्स को समाप्त कर एक ऐसी दुनिया का निर्माण करें, जहां हर किसी को जीने का समान अवसर मिले
हमीरपुर / 02 दिसंबर / रजनीश शर्मा /
विश्व एड्स दिवस के अवसर पर राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी में रेड रिबन क्लब द्वारा विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। रेड रिबन, जो एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों के साथ एकजुटता और एड्स पीड़ितों के लिए वैश्विक प्रतीक है, इस अवसर पर विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम में जूनियर रेड क्रॉस क्लब, एनएसएस स्वयंसेवकों, स्काउट्स-गाइड्स और इको क्लब के सदस्यों ने खेल मैदान में विशाल रेड रिबन बनाकर समाज को एड्स से बचने का संदेश दिया। प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने बताया कि विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य हर उम्र के लोगों को एचआईवी संक्रमण के खतरों और इससे बचने के उपायों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि एड्स मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सामान्य बीमारियों से लड़ने में अक्षम बनाता है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे एचआईवी से संक्रमित बच्चों के प्रति आत्मीयता और मधुर व्यवहार रखें। उन्होंने यह भी कहा कि समाज को एड्स पीड़ितों से भेदभाव के बजाय उन्हें प्यार और सम्मान देना चाहिए।
कक्षा आठवीं की छात्रा याश्मीन और बी.एड प्रशिक्षु आस्था ने बच्चों को एड्स और एचआईवी संक्रमण के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि एड्स एचआईवी नामक विषाणु के कारण होता है, जो संक्रमण के 12 सप्ताह बाद रक्त जांच से ही पता चलता है। एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति सामान्य दिख सकता है और 6 से 10 वर्षों तक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है, लेकिन इस दौरान वह अन्य लोगों को यह संक्रमण दे सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि एड्स का खतरा मुख्यतः असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई या रक्त चढ़ाने, माता-पिता से नवजात को और नशीली दवाओं के सेवन से होता है।
इन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एचआईवी सामान्य संपर्क जैसे हाथ मिलाने, एक साथ भोजन करने, एक ही पानी पीने, शौचालय साझा करने या सामान्य खेलों से नहीं फैलता। इसलिए, समाज को भ्रांतियों से बचकर वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित जानकारी अपनानी चाहिए। वहीँ रेड रिबन क्लब के सहसंयोजक सुरेश चौहान ने एड्स के इस वर्ष की थीम “सही रास्ते पर चलें, मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार” पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह थीम एड्स प्रभावित लोगों को अपने जीवन को बेहतर बनाने और स्वास्थ्य के अधिकार के लिए आवाज उठाने का संदेश देती है। उन्होंने सभी से अपील की कि एकजुट होकर एड्स को समाप्त करने और समान अवसरों से भरी दुनिया बनाने में योगदान दें। कार्यक्रम के दौरान नारा लेखन और पेंटिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने अपनी रचनात्मकता के माध्यम से एड्स जागरूकता का संदेश दिया।
इस अवसर पर स्काउट मास्टर सतीश राणा, गाइड कप्तान कुसुम लता, सुरेश, लीना, राजेश, मनोज कुमार, कविता, विजय कुमार, सोनू गुलेरिया, और अन्य शिक्षकों ने भी छात्रों को प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का मुख्य संदेश था कि “एड्स को समाप्त करना संभव है, बशर्ते हम सभी जागरूकता फैलाने और सही कदम उठाने के लिए एकजुट हों।”