शिमला / 11 अप्रैल / न्यू सुपर भारत ///
कांग्रेस नेतृत्व हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मजबूत उम्मीदवार उतरना चाहता है। इसके चलते लगातार कई चरणों में चुनावी उम्मीदवारों पर मंथन किया जा रहा है और इसी हफ्ते कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा हो सकती है. ऐसे में कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व एक समझौते के अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है, जहां कांग्रेस अपने दो विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतार सकती है और आपको बता दें कि कांग्रेस मंडी के लोकसभा चुनाव को रोचक बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह वर्तमान के परिवार से ही प्रत्याशी उतारने पर सहमत हुई है।
वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक लोकप्रिय नेता हैं जो आज भी कांग्रेस पार्टी को संजीवनी दे रहे हैं। बीजेपी शासन के दौरान हुए उपचुनाव में वीरभद्र सिंह परिवार की रानी प्रतिभा सिंह ने उलटफेर करते हुए चुनाव जीत लिया और अब बीजेपी ने मंडी से फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस पार्टी अपने युवा उम्मीदवार के रूप में विक्रमादित्य सिंह को मैदान में उतारने पर सहमत हुई है, जिनकी मंडी जिले में अच्छी पकड़ है।
विक्रमादित्य सिंह उदारवादी नेता हैं। उन्होंने भारत माता की जय और जय श्री राम के नारे लगाये. वह वीरभद्र सिंह परिवार से हैं इसलिए विक्रमादित्य के चुनाव लड़ने से मंडी की चुनावी लड़ाई दिलचस्प हो जाएगी और विक्रमादित्य सिंह के प्रभाव के कारण मंडी का चुनाव सबसे दिलचस्प होगा। शिमला जिले में कांग्रेस भी बेहतरीन उम्मीदवार चुनने पर मंथन कर रही है. वही शिमला क्षेत्र में भी कांग्रेस अपने विधायकों को देखते हुए बेहतरीन प्रत्याशी मैदान में उतारने के लिए मंथन कर रही है। विनोद सुल्तानपुरी वर्तमान में सोलन के कसौली से विधायक हैं।
शिमला जिले में बड़ा प्रभाव रखने वाले केडी सुल्तानपुरी के परिवार से कांग्रेस शिमला जिले में विनोद सुल्तानपुरी पर दाव खेल सकती है। विनोद सुल्तानपुरी वर्तमान में सोलन के कसौली से विधायक हैं। कांग्रेस पार्टी भी विनोद सुल्तानपुरी के नाम पर सहमत हो गई. कुल मिलाकर कांग्रेस की योजना लोकसभा चुनाव मजबूत उम्मीदवारों के साथ लड़ने की है ताकि राज्य में होने वाले उपचुनावों में भी कांग्रेस पार्टी के प्रचार और विजयी स्वर को मजबूत किया जा सके।