नूरपुर में गीत-संगीत की स्वर लहरियों की गूंज से मंत्रमुग्ध हुए श्रोता — जाना नूरपुर का समृद्ध इतिहास।
विधायक राकेश पठानिया ने चम्बा रुमाल प्रशिक्षण केंद्र का किया उदघाटन।
नूरपुर 01 नवंबर: (पंकज ) –
नूरपुर के कमेटी हाल में भाषा एवं संस्कृति विभाग, कांगड़ा ज़िला प्रशासन तथा हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के सयुंक्त तत्वावधान में पहली से आठ नवम्बर, 2019 तक ज़िला कांगड़ा के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित होने वाले त्रिगर्त, कांगड़ा घाटी उत्सव-2019 के कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज आयोजित कार्यक्रम में विधायक राकेश पठानिया ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम की शुरुआत विधायक द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई ! इस मौके पर नूरपुर के एसडीएम डॉ सुरेन्द्र ठाकुर, हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के सचिव डॉ कर्म चंद सहित ज़िला भाषा अधिकारी सुरेश राणा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। इसी कड़ी में 2 नवंबर को नंदपुर गुलेर किले में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। पठानिया ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों का मुख्य उद्देश्य कांगड़ा घाटी में आने वाले देश-विदेश के सैलानियों के साथ-साथ स्कूली बच्चों तथा स्थानीय लोगों को यहां की समृद्ध कला, संस्कृति एवं इतिहास के विविध पहलुओं से रूबरू करवाना है।
उन्होंने बताया कि वज़ीर राम सिंह पठानिया के साथ-साथ यहां के ऐतिहासिक किला तथा प्रसिद्व बृजराज स्वामी मंदिर के इतिहास की अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति होने से नूरपुर की अपनी विशेष पहचान स्थापित है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में नूरपुर के इतिहास पर दी गई सम्पूर्ण जानकारी सभी के लिये जहां लाभप्रद होगी, वहीं विद्यार्थियों को यहां का समृद्ध इतिहास जानने के साथ-साथ भविष्य के लिये उन्हें काफी ज्ञानवर्धक साबित होगी। उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में तीन दिवसीय नूरपुर उत्सव का भी आयोजन करवाया जाएगा जिसमें स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का बेहतर अवसर मिलेगा।
पठानिया ने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने तथा सैलानियों को कांगड़ा घाटी की ओर आकर्षित करने के लिये पिछले काफी वर्षों से इस प्रकार के उत्सवों का आयोजन करवाया जा रहा है, जबकि नूरपुर क्षेत्र में इस उत्सव का आयोजन पहली बार होना सभी के लिये गौरव की बात है। उन्होंने बताया कि इस उत्सव के आयोजन से इस क्षेत्र में जहां पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं सभी को यहां की समृद्ध कला तथा संस्कृति को जानने का भी बेहतर अवसर प्राप्त होगा।
इस दौरान हिमाचल भाषा संस्कृति कला अकादमी द्वारा कांगड़ा पेंटिंग पर प्रदर्शनी लगाने के अतिरिक्त कवि गोष्ठि भी आयोजित करवाई गई। जिसका मुख्याथिति ने बारीकी से अवलोकन किया व इसमें अपनी गहरी रुचि दर्शाई। उन्होंने आयोजकों का इस आयोजन के लिए उनकी तारीफ की। इस अवसर पर गुरु-शिष्य परम्परा के अंतर्गत ”चम्बा रुमाल” के बारे में लोगों को जानकारी देने के अतिरिक्त इसकी प्रदर्शनी भी लगाई गई।
पठानिया ने इस अवसर पर नूरपुर के लिए स्वीकृत ‘चंबा रुमाल’ के प्रशिक्षण सेंटर का भी उदघाटन किया। उन्होंने कहा कि इस सेंटर के खुलने से महिलाओं को घर द्वार के पास इस हस्तशिल्प की कला को सीखने का जहां मौका मिलेगा वहीं उनकी आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी। इस मौके पर वज़ीर राम सिंह पठानिया की जीवनी तथा गुगा की वारें गाकर कलाकारों ने खूब तालियां बटोरीं। स्कूली बच्चों तथा स्थानीय कलाकारों द्वारा भी कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए जिन्हें उपस्थित लोगों द्वारा काफी सराहा गया।
कार्यक्रम में कवियों ने अपनी कविताओं से सबको हंसी से लोपोट कर दिया। ये रहे मुख्य आकर्षणउत्सव में जहां नूरपुर कला मंच के कलाकारों ने गद्दी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों की ओर से काफी तालियां बटोरीं वहीं अश्वनी म्यूजिकल ग्रुप के कलाकारों ने भी अपने गानों की धुन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर रंगमंच के कलाकारों ने भी अपनी-अपनी पेंटिंग की प्रतिभा से सभी को हैरान कर दिया! इससे पहले हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के सचिव डॉ कर्म चंद ने मुख्याथिति का शॉल व टोपी पहना कर स्वागत किया तथा उत्सव के आयोजन पर प्रकाश डाला। इस मौके पर स्कूली बच्चों के लिये चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया। विजेताओं को नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर तहसीलदार डॉ गणेश ठाकुर, नायब तहसीलदार देस राज ठाकुर, बीडीओ कर्म चंद नरयाल, हिमाचल भाषा कला संस्कृति अकादमी की अधीक्षक स्वर्ण लता, भाजपा मंडलाध्यक्ष कुलदीप पाठक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, स्कूलों के प्रिंसिपल, नगर परिषद के पार्षद तथा स्कूली बच्चे उपस्थित थे।
फोटो केप्शन – 1 दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत करते व
2 समारोह के दौरान लगाई की प्रदर्शनी को देखते हुए विधायक राकेश पठानिया !