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कठिन परिश्रम और समर्पण का कोई विकल्प नहींः मुख्यमंत्री

शिमला / 17 नवम्बर / न्यू सुपर भारत  न्यूज़

स्वतंत्र प्रेस जीवंत और मजबूत लोकतंत्र की आधारशिला है तथा प्रेस की स्वतंत्रता को किसी भी कीमत पर बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शनिवार  सायं राज्य स्तरीय राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर पत्रकारों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे वह पत्रकारिता हो या कोई अन्य प्रोफेशन, परिश्रम और सम्र्पण का कोई विकल्प नहीं है इसलिए अपने प्रोफेशन में सफलता प्राप्त करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया कर्मियों को हमेशा पत्रकारिता के उच्च स्तर को बनाए रखना चाहिए और दूसरों के लिए उदाहरण स्थापित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया को आलोचना करनी चाहिए, लेकिन फेक न्यूज़ को फैलने से रोकना चाहिए तथा गलत जानकारी देने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर प्रोफेशन की एक नैतिकता होती है और इसे कायम रखा जाना चाहिए।


जय राम ठाकुर ने कहा कि विश्वसनियता पत्रकारिता की रीढ़ है क्योंकि यदि एक बार विश्वसनियता समाप्त हो जाए तो सब कुछ समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह पत्रकारों का कर्तव्य है कि रिपोर्टिंग से पहले उचित तरीके से तथ्यों की जांच करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी प्रकार से प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आज मजबूत और प्र्रभावशाली मीडिया बनकर उभरा है, लेकिन इसके साथ यह गलत सूचना फैलाने के कारण एक बड़ा खतरा भी साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया द्वारा फैलाई गई गलत जानकारी मुख्य मीडिया में भी पाई जा रही है चाहे वह प्रिंट मीडिया हो या इलैक्ट्रोनिक मीडिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी आधुनिकीकरण के कारण दुनिया के मीडिया परिदृश्य में बदलाव आ गया है। उन्होंने कहा कि मीडिया द्वारा आम लोगों को काफी जानकारी प्राप्त होती है और यह राय बनाने तथा विभिन्न मुद्दों के बारे में निर्णय लेने में भी सहायक सिद्ध हुआ है। मीडिया ही लोगों को नई जानकारी प्रदान करता है और उनकी आस-पास की दुनिया में हो रही घटनाओं के बारे में भी अवगत करवाता है तथा समाज में हर किसी को मीडिया से कुछ न कुछ प्राप्त हो रहा है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि मीडिया लोगों के दृष्टिकोण को प्रभावित करता है और इसे राजनीतिक लोकतंत्र का ‘सजग प्रहरी’ भी माना गया है। उन्होंने कहा कि मीडिया आज दुनिया में सबसे शक्तिशाली है।


सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा शनिवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर ‘रिपोर्टिंग इंटरप्रिटेशनः ए जर्नी’ विषय पर विचार-विमर्श सत्र आयोजित किया गया।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के प्रधान सचिव संजय कुंडू तथा निदेशक हरबंस सिंह ब्रसकोन ने मुख्यमंत्री, वक्तओं तथा इस अवसर पर उपस्थित अन्य पत्रकारों का स्वागत किया।


इससे पूर्व, मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए अमर उजाला समाचार पत्र के संपादक राकेश भट्ट ने कहा कि पेड न्यूज़ से अधिक नुकसानदायक फेक न्यूज़ होती हैं। इसलिए यह पत्रकारों का उत्तरदायित्व है कि तत्थों पर आधारित सच्चाई को सामने लाएं। उन्होंने युवा पत्रकारों को प्रशिक्षण देने पर बल दिया ताकि उन्हें मीडिया के बदलते हुए परिप्रेक्ष्य से अवगत करवाया जा सके। उन्होंने सकारात्मक, प्रेरणादायक तथा विकासात्मक पत्रकारिता पर भी बल दिया।


वरिष्ठ पत्रकार एवं उत्तम हिन्दू के विशेष संवाददाता पी.सी. लोहमी ने कहा कि पत्रकारिता में सत्य और तत्थों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। वर्तमान दौर में सवाल पूछने की परम्परा लगभग समाप्त हो चुकी है और जो प्रासंगिक है उसकी रिपोर्टिंग नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि तकनीक में आए बदलाव के कारण आज पाठक एवं दर्शक अधिक जागरूक बन गए हैं तथा उनके पास सूचना प्राप्त करने के लिए समाचार पत्र, न्यूज चैनल और सोशल मीडिया जैसे विभिन्न साधन उपलब्ध हैं।


दि स्टेट्समेन समाचार पत्र की ब्यूरो प्रमुख अर्चना फुल्ल ने अपने विचार सांझा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से मीडिया की यात्रा के आत्मनिरीक्षण प्राप्त हुआ है। मीडिया समाज-निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने तत्थों पर आधारित खबरों की रिपोर्टिंग करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को खबरें प्रकाशित अथवा प्रसारित करने से पहले उनकी प्रमाणिकता की समीक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को व्यक्तिगत विश्वसनीयता पर भी चिंतन करना चाहिए क्योंकि मीडिया घरानों की विश्वसनीयता उन पर निर्भर करती है।

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