शिमला / 15 नवंबर / न्यू सुपर भारत //
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव के दायर दी गई हिमाचल की झूठी गारंटियों से पूरा देश सबक ले रहा है। पूरे देश में हिमाचल प्रदेश के लोगों को सरकार द्वारा झूठी गारंटियां देकर ठगने की चर्चा है। हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार एक ऐसी सरकार है जिसने विधानसभा चुनाव के दौरान दी गई गारंटियों के पूर्णतया विपरीत काम किया। लाखों नौकरियां देने की घोषणा की तो लाखों अनुमोदित पदों को समाप्त कर दिया। 12 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाल दिया और अभी 1000 से ज्यादा पदों पर काम कर रहे लोगों को नौकरी से निकलने का जीजान से प्रयास कर रही है। जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है।
स्वास्थ्य व्यवस्था सही करने की बात की तो प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का बंटाधार कर दिया। 300 यूनिट फ्री बिजली देने की बात की तो पूर्व सरकार द्वारा दी जा रही 125 मिनट बिजली की सब्सिडी को भी बंद कर दिया और साथ ही साथ 300 यूनिट बिजली खर्च करने पर घरेलू भुगतान से ज्यादा बिल वसूलने की योजना बना डाली। यह सरकार सिर्फ और सिर्फ अपने मित्रों और सहयोगियों पर ही मेहरबान रही है और उन्हें पर ही जमकर सरकारी पैसा लुटाया है। प्रदेश की प्राथमिकता का आलम है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के भवन निर्माण की औपचारिकता से जुड़े 30 करोड रुपए का भुगतान नहीं कर रही है। जबकि अपने विधायकों को असंवैधानिक रूप से मुख्य संसदीय सचिव बनाने और उनकी नियुक्ति को जायज ठहराने पर ही करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पूरे देश में हिमाचल के मुख्यमंत्री कांग्रेस की सरकार की तारीफ करते नहीं थकते और कहते हैं कि कांग्रेस अपनी गारंटी अच्छे से पूरी करती है। और हमने हिमाचल में सभी गारंटियों को लागू कर दियाहै। सरकार ने सारी गारंटियों को कितने अच्छे से लागू किया है यह प्रदेश के लोग जानते हैं। आज प्रदेश में विकास के सारे काम ठप हैं। 2 साल की कार्यकाल में सरकार ने एक भी युवा को भर्ती निकालकर नौकरी नहीं दी है। प्रदेश के कर्मचारियों का वेतन अगले महीने आएगी या नहीं आएगा इसके बारे में भी कर्मचारियों को मालूम नहीं होता है। बाकी सुविधाओं की बात ही छोड़ दीजिए। कर्मचारियों के मेडिकल बिल पेंडिंग हैं। बाकी सारी सुविधाओं पर रोक है। सरकार हर महीने हजारों करोड रुपए का लोन लेती हैं। 22 महीने के कार्यकाल में ही 25000 करोड रुपए से ज्यादा का लोन सरकार द्वारा लिया जा चुका है। इसके बाद भी सरकार कहती है कि वह हिमाचल को आत्म निर्भर बनाना चाहते हैं। सरकार बाकी बातें छोड़कर सिर्फ यह बताएं यह पैसा जा कहां रहा है?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में हर तरफ अराजकता का माहौल है। सरकार में आम आदमी की सुनवाई नहीं हो रही है। राजधानी की सड़कों पर कोई न कोई धरना या आंदोलन चल रहा होता है जिसे सरकार बलपूर्वक कुचलना की कोशिश करती है। आज भी चौड़ा मैदान में वोकेशनल ट्रेनर इस कड़कड़ाती ठंड में भी जमे हुए हैं और अपनी मांग कर रहे हैं। परिवहन निगम के पेंशनर की पेंशन भी समय पर नहीं मिलती, उसके लिए भी हर बार आंदोलन करना पड़ता है और आत्मदाह तक की धमकियां दे रहे हैं। आए दिन सरकार के द्वारा किसी न किसी योजना को बंद करने, उसमें मिलने वाले लाभ को सीमित करने या लाभार्थियों को योजना से बाहर के उपाय किए जाते हैं।
जयराम ठाकुर ने कि प्रदेश के कर्मचारियों की बहुत सारी शिकायतें मिल रही है कि उनका जीपीएफ बिल पास नहीं हो रहा है। जीपीएफ पूर्णतया कर्मचारी का पैसा होता है जो वह भविष्य की आवश्यकताओं और जरूरतों के लिए अपना पेट काट कर बचाता है। जिससे वह समय आने पर उसे निकाल सके। यह पैसा कर्मचारी अपने बच्चों की पढ़ाई और शादी, घर डालने, संपत्ति खरीदने के लिए जुटा कर रखता है। कर्मचारी जब आवश्यकता पड़ने पर अपना जीपीएफ निकालना चाह रहा है तो उसके खून पसीने की कमाई का पैसा नहीं निकल रहा है। मुख्यमंत्री इस मामले में प्रदेश को जवाब दें कि ऐसी शिकायतें क्यों आ रही हैं? इस मामले की सत्यता क्या हैं? प्रदेश सरकार ने पहले ही विधान सभा में यह बताया है कि कर्मचारियों के जीपीएफ के बदले वह 2810 करोड़ रुपए का ऋण ले चुकी है।
नेता प्रतिपक्ष ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ हॉनर’ से सम्मानित किए जाने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा यह सम्मान संपूर्ण भारत का सम्मान है भारत की बढ़ती ताकत और वैश्विक भूमिका का सम्मानहै। उन्होंने कहा कि अब तक 15 प्रभुत्वशाली राष्ट्रों ने प्रधानमंत्री को अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देकर भारत के गौरव को बढ़ाया है। इसके लिए सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों का आभार एवं प्रधानमंत्री को पुनः शुभकामनाएं।