कुल्लू में राज्य सरकार 80 करोड़ रुपये से विकसित करेगी रोपवे
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शिमला / 24 फरवरी / न्यू सुपर भारत /
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश में विश्व स्तरीय पर्यटन अधोसंरचना को प्रतिबद्धता से विकसित कर रही है। जिला कुल्लू में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अभिनव प्रयास करते हुए सरकार ने कुल्लू बस अड्डे से पीज पैराग्लाइडिंग पॉइंट तक 80 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एरियल रोपवे के निर्माण को मंजूरी प्रदान की है।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि कुल्लू जिला पीज गांव सड़क मार्ग से लगभग 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। उन्होंने कहा कि 1.20 किलोमीटर लंबे रोपवे के निर्मित होने से पर्यटकों और लोगों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन का विकल्प उपलब्ध होगा। पीज गांव रमणीय और अद्वितीय सौन्दर्य से परिपूर्ण लग घाटी का प्रवेश द्वार है और इस पहल से पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी और साहसिक गतिविधियों में रूचि रखने वालों के लिए नए अवसर सृजित होंगे।
उन्होंने कहा कि रोपवे परियोजना के पूर्ण होने के उपरांत स्थानीय लोग और पर्यटक आसानी से पीज पैराग्लाइडिंग पॉइंट तक पहुंच सकेंगे। प्रदेश सरकार के प्रयासों से नवोदित और अनुभवी पैराग्लाइडर के लिए यह एक आदर्श गंतव्य बन जाएगा। यह परियोजना साहसिक, धार्मिक और जल आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार के व्यापक प्रयासों की ओर एक और महत्त्वपूर्ण कदम है। राज्य की अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। राज्य सरकार प्रदेश में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रमुखता से कार्य कर रही है। इसका उद्देश्य पर्यटकों को प्राकृतिक और अनछूंए गंतव्य स्थलों का अनुभव प्रदान करना है, इसके साथ प्रदेश सरकार प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी सुनिश्चित कर रही है।
राज्य सरकार की पर्यटन अधोसंरचना को सुदृढ़़ करने की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इस क्षेत्र के हर संभव विकास और संसाधनों के उचित दोहन के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के ठोस कदमों के फलस्वरूप राज्य में पर्यटकों की आमद में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को संबल मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य में अलौकिक सौन्दर्य, नदियां, झीलें और पर्वतारोहन जैसे अनुभव लेने के लिए हर वर्ष लगभग 2 करोड़ सैलानी प्रदेश में आते हैं, जिससे हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेेत्र पहले से अधिक गुलजार हो रहा है।