ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली का उदय **विद्यार्थियों के लिए वरदान सिद्ध हुआ दूरदर्शन
शिमला / 8 मई / एन एस बी न्यूज़
वर्तमान शिक्षा प्रणाली में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली का उदय हुआ है, जिसकी रोशनी प्रत्येक विद्यार्थी तक पहुंच रही है। विश्व में लगभग 400 मिलियन विद्यार्थी वर्चुअल लर्निंग प्रणाली से अभयस्त होते हुए शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, जिसके कारण लाॅकडाउन अवधि के दौरान विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना एक चुनौतिपूर्ण कार्य है। इन क्षेत्रों में लोगों के पास लैपटाॅप, आधुनिक तकनीक तथा हाई स्पीड इंटरनेट सुविधाएं नाममात्र ही हैं, जो सबसे बड़ी बाधा है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के कुशल मार्गदर्शन में विद्यार्थियों को कोविड-19 के इस संकट में शिक्षा प्रदान करने के लिए दूरदर्शन चैनल का उपयोग किया तथा अन्य आॅनलाइन प्रोग्राम और ऐप के माध्यम से विद्यार्थियों की पढ़ाई पर प्रभाव नहीं पड़ने दिया।
काफी गहन विचार-विमर्श के उपरांत, ‘ज्ञानशाला-हर घर पाठशाला’ नामक कार्यक्रम आरम्भ किया गया। शिक्षा विभाग द्वारा दक्षता से इस कार्यक्रम के तहत पाठ्यक्रम तथा लैक्चर तैयार किए गए। इस उद्देश्य को सही दिशा देने के लिए प्रारम्भिक तथा उच्च शिक्षा पर बल दिया गया।
प्रारम्भिक शिक्षा के तहत स्कूल स्तर पर व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए तथा नियमित तौर पर इन पर विषय-विशेषज्ञों द्वारा उपयुक्त पाठन सामग्री तैयार कर विद्यार्थियों तक पहुंचाई गई।
‘समय 10 से 12 वाला, हर घर बने पाठशाला’ नामक कार्यक्रम के माध्यम से प्रातः 10 बजे से दोपहर 12 बजे का समय दूरदर्शन शिमला पर कक्षाओं के लिए निर्धारित किया गया है, जिसमें विद्यार्थियों को पाठन सामग्री, वीडियो तथा मूल्यांकन पुस्तिकाएं प्रदान की जाती हैं, जिनकी प्रतिदिन निगरानी की जाती है।
उच्च शिक्षा के तहत वरिष्ठ माध्यमिक कक्षाओं के लिए वृहद योजना तैयार की गई, जिसमें पूरे प्रदेश में दूरदर्शन शिमला पर 17 अप्रैल, 2020 से बोर्ड की कक्षाओं विशेषकर दसवीं तथा 12वीं के लगभग सभी विषयों से सम्बन्धित मल्टीमीडिया ई-कन्टेंट का प्रसारण शामिल है।
सरकार ने सभी केबल तथा डी.टी.एच. ऑप्रेटरों को अनिवार्य रुप से डी.डी. शिमला तथा अन्य चैनल प्रसारित करने के निर्देश दिए हैं। विद्यार्थी अब डी.डी. फ्री डिश चैनल नम्बर 93, फास्ट-वे चैनल नम्बर 95, गुड मीडिया और सीटी चैनल नम्बर 804 तथा एयरटेल डीटीएच चैनल नम्बर 406 के माध्यम से पढ़ाई कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों को प्रतिदिन उनके संबंधित अध्यापकों द्वारा राज्य से लेकर खण्ड स्तर तक पाठन सामग्री प्रदान की जा रही है।
दूरदर्शन तथा व्हाट्सऐप ग्रुप पर ऑडियो-वीडियो सहित उपयुक्त लर्निंग कार्यक्रमों ने विद्यार्थियों की समस्याएं हल कर दी हैं तथा वे इस पहल के लिए राज्य सरकार के आभारी हैं।
प्रदेश सरकार ‘स्वयं सिद्धम’ नामक पोर्टल के माध्यम से भी विद्यार्थियों को ई-कंटेंट प्रदान कर रही है। इस पोर्टल पर अध्यापकों तथा विद्यार्थियों के लिए हर समय पाठन सामग्री उपलब्ध है।
इसके अतिरिक्त, केन्द्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल ‘स्वयं प्रभा’ के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए पूरे देश में हर समय डीटीएच सेवा द्वारा 32 चैनलों के माध्यम से उच्च गुणात्मक शैक्षणिक पाठन सामग्री उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री के अनुसार, ‘इस संकट के समय में आॅनलाइन लर्निंग दक्षता से हमें यह ज्ञात हुआ है कि संस्थानों में आॅनलाइन शिक्षण क्षमता को बढ़ाना होगा। हमारे पास पर्याप्त संसाधन हैं तथा भविष्य में हम जन-मानस के कल्याण के लिए इनका दोहन करने का प्रयत्न करेंगे।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज कहते हैं, ‘मेरा मानना है कि जब इस तरह के संकट आते हैं तो हमारे पास अवश्य ऐसे विकल्प हैं, जिससे हम यह सुनिश्चित बना सकें कि सभी विद्यार्थियों को निर्बाध शिक्षा प्रदान की जा सके तथा वे इस शिक्षा को ग्रहण करने के लिए सक्षम तथा व्यवस्था से परिचित हों।’
शिमला के एक स्कूल के विद्यार्थी आर्यन ने बताया कि इस महामारी द्वारा उत्पन्न किए गए संकट को दूर करने में ऑनलाइन लर्निंग काफी हदतक सक्षम हैं।
यदि संस्थानों में इस नई प्रणाली को अपनाने की तैयारियां तथा योजनात्मक कदम नहीं उठाए गए तो हमें इस समय की आवश्यकतानुसार सभी फायदों तथा नुकसानों को भलीभांति स्वीकार कर आॅनलाइन शिक्षा, रोजगार, व्यापार, कारोबार, लेनदेन तथा अन्य डिजिटल व्यवस्थाओं को अपनाना होगा।
निदेशक उच्च शिक्षा अमरजीत शर्मा तथा निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा रोहित जम्वाल के अनुसार कोविड-19 ने वर्तमान शिक्षण परिस्थितियों को बदल कर रख दिया है तथा सरकार को इस समय में दक्षता से निर्णायक कदम उठाने होंगे।