शिमला / 18 अक्तूबर/ एनएसबी न्यूज़
नशे के प्रचलन के कारण समाज में एड्स की संभावनाएं बढ़ सकती हैं, जिसकी रोकथाम के लिए सभी को सजग व समन्वय स्थापित कर गंभीरता से कार्य करना होगा। उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने आज यह विचार राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी की जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि यौण रोगों व एचआईवी के प्रभाव के न्यूनीकरण के लिए प्रशासन के साथ-साथ सम्बद्ध विभागों की साझेदारी तथा समाज की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एड्स ग्रसित व्यक्ति तुरंत ईलाज आरम्भ कर नियमित व समय पर दवाई का सेवन करें तो आम व्यक्ति की तरह लम्बे समय तक जीवन जी सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी जनमंच कार्यक्रमों में भी राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी एड्स के संबंध में जानकारी व जागरूकता प्रदान करें। कार्यक्रम स्थल पर इस संबंध में स्टाॅल लगाकर तथा प्रचार सामग्री वितरित कर ग्रामीण स्तर पर लोगों को जानकारी दी जा सकती है। उन्होंने अतिरिक्त उपायुक्त अपूर्व देवगन को एड्स नियंत्रण के साथ-साथ अन्य सामाजिक सरोकार के कार्य को विभिन्न संस्थाओं व क्षेत्रों में परामर्श व अन्य माध्यमों द्वारा सम्प्रेषित करने के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के तहत आयोजित प्रशिक्षण कार्यशालाएं व शिविरों के अंतर्गत एचआईवी व एड्स के संदर्भ में जागरूकता व जानकारी प्रदान की जाए। उन्होंने सोसायटी से इस संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने सोसायटी को सम्बद्ध विभागों को प्रचार सामग्री की उपलब्धता शीघ्र करने को कहा ताकि अधिक से अधिक लोगों तक जानकारी प्रदान की जा सके।
उन्होंने कहा कि स्कूलों, महाविद्यालयों तथा अन्य शिक्षण संस्थाओं के साथ-साथ सामाजिक, स्वैच्छिक व अन्य संस्थाओं को भी इसमें जोड़कर कार्य को गति प्रदान की जा सकती है।
राज्य कार्यक्रम अधिकारी एड्स नियंत्रण सोसायटी डाॅ. राजेश ठाकुर ने विभिन्न विभागों के तहत चलाई जा रही योजनाओं व कार्यक्रमों के अंतर्गत एड्स ग्रसित लोगों को सम्मिलित कर लाभान्वित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समाज को एचआईवी ग्रसित व्यक्ति से किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए।
जिला एड्स कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. अशोक चैहान ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा सभी एचआईवी ग्रसित लोगों को प्रदेश में 1500 रुपये प्रतिमाह तथा बच्चों व एचआईवी से ग्रसित माता-पिता की मृत्यु के कारण अनाथ हुए बच्चों को 300 से 800 रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं। एचआईवी ग्रसित लोगांे को दवाई लाने के लिए एक परिचर सहित मुफ्त बस पास की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।
बैठक में जिला पंचायत अधिकारी विजय बरागटा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. जितेन्द्र चैहान, पीएनबी व यूको बैंक, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण विकास, कौशल विकास सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।