हरोली / 06 फरवरी / न्यू सुपर भारत /
भगवान की कथा सुनने वाले की कभी अधोगति नहीं होती। वह अपने अंतकाल में शुद्ध सात्विक भाव से संपन्न भगवान के परमधाम को जाता है। चतुराई की चमक चार दिन की होती है पर ईमानदारी की चमक जीवन भर के लिए कड़वा बोलने से शहद भी नहीं बिकता पर वाणी में मिठास से जहर भी बिक जाता है। इसलिए सदैव सद्गुणों का संचय करें। जिसे ज्ञान होता है उसे घमंड नहीं एवं जिसे घमंड है वह ज्ञान से कोसों दूर है। आज्ञानवश मनुष्य अपने को कर्ता मानकर जीवन भर सुख-दुख के झूले में झूलता रहता है।
उक्त अमृतवचन श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस में परम श्रद्धेय अतुल कृष्ण जी महाराज ने ठाकुरद्वारा, बढेड़ा में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मनुष्य कर्म करने में मनमानी कर सकता है परंतु फल भोगने में नहीं। जीवन को सरल बनाना है तो हम दूसरों के सुख एवं अपने दुख गिनना छोड़ दें। बुद्धिमान मनुष्य को परमात्मा से विमुख प्राणियों का संग छोड़ देना चाहिए. बिना पुरुषार्थ किए उत्तम फल की प्राप्ति नहीं होती।
अतुल कृष्ण जी महाराज ने कहा कि हम अपने अहंकार को लगाम दें। इसका बढ़ते रहना शुभ नहीं है. यह सच्चाई है कि जितनी तीव्र गति से अभिमान बढ़ता है उससे दोगुनी गति से हम आज्ञान एवं पतन के गड्ढे में गिरने लगते हैं। आज कथा में राजर्षि भरत जी का चरित्र, अजामिल का उद्धार, श्री नृसिंह भगवान का अवतार एवं वामन भगवान की लीला का प्रसंग सभी ने तन्मय होकर सुना.
इस अवसर पर वामन भगवान की पावन झांकी भी निकाली गई। कथा 10 फरवरी तक 11 से 2 बजे तक जारी रहेगी, आज कथा में प्रमुख रूप से अनूप सिंह, चनण सिंह, प्रीतम सिंह, रमेश चंद, राकेश शर्मा, विरेन्द्र शर्मा, सुखविंदर सिंह, सुरेंद्र कंग, राजेंद्र कुमार, होशियार सिंह, मलकीत सिंह, सतीश शर्मा, सतनाम गिल, मूलराज शर्मा, कुलदीप सिंह, संतोख सिंह, जोगिन्दर सिंह, अर्शदीप सिंह, विशाल शर्मा, आदित्य शर्मा इत्यादि उपस्थित रहे।