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पर्यावरण व वन्य जीवों को बचाने में बिश्नोई समाज का योगदान अतुलनीय: दिग्विजय चौटाला

फतेहाबाद / 1 अगस्त / न्यू सुपर भारत

आज के भौतिकतावाद के युग में जब पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है, ऐसे में गुरु जंभेश्वर द्वारा बताए गए 29 नियमों में प्रतिपादित जीव रक्षा व पर्यावरण के प्रति जो प्रेम दिखाया गया है, उनका सभी लोगों को अनुसरण करना चाहिए। बिश्नोई समाज विशेष तौर पर इसके लिए बधाई का पात्र है कि वह इस दिशा में अपनी सक्रिय भूमिका अदा करता आ रहा है।

यह बात जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय  चौटाला ने बिश्रोई समाज के सबसे बड़े धार्मिक स्थल मुक्ति धाम मुकाम में गुरु जंभेश्वर भगवान के मंदिर मेंं माथा टेकने के बाद बातचीत करते हुए कही। इसके बाद दिग्विजय चौटाला  अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के मुख्य कार्यालय पहुंचे, जहां पर सभा के गणमान्य लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। इस मौके पर चौटाला ने कहा कि वे गुरु जंभेश्वर की इस पावन धरा को वंदन कर अपने आप को सौभाग्यशाली मान रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज के मौजूदा परिवेश में पर्यावरण की सुरक्षा करना अति आवश्यक है। गुरु जंभेश्वर जी ने इसकी महत्ता को बहुत पहले ही समझ लिया था। इसी से प्रेरित होकर 1730 में जिला जोधपुर के खेजड़ली गांव में वीरांगना अमृता देवी बिश्नोई व उसके परिवारिक सदस्यों सहित 363 बिश्नोईयों ने पेड़ों की सुरक्षा के लिए हंसते-हंसते अपना जीवन न्यौछावर कर दिया था। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि आज तक इस प्रकार का कोई दूसरा उदाहरण पूरे विश्व में नहीं है।

इसी प्रकार बिश्नोई समाज के लोग वन्यजीवों के प्रति भी आगाढ़ प्रेम करते हैं, वह वन्यजीवों की रक्षा करते करते-करते अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटते। आज सभी लोगों को इन से प्रेरणा लेकर पर्यावरण व वन्यजीवों की रक्षा करनी चाहिए, ताकि प्रकृति को बचाया जा सके। उन्होंने मुकाम मंदिर के आसपास के क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की भी प्रशंसा की। इस मौके पर अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा प्रतिनिधियों ने दिग्विजय चौटाला को गुरु जंभेश्वर के जीवन पर आधारित जीवनी जब साहित्य देकर सम्मानित किया।

उन्होंने बताया कि चौ. देवीलाल चौटाला का पैतृक नौखा गांव मुकाम के पड़ोस में स्थित है। इस कारण इस क्षेत्र के लोगों के दिलों में चौ. देवीलाल के प्रति गहरी आस्था है। इस मौके पर  इनसो जिला अध्यक्ष जतिन खिलेरी बिश्नोई , बिश्नोई महासभा के महासचिव रूपाराम, कालीरावण के पूर्व सरपंच रविंदर बिश्नोई, प्रमोद कडवासरा, अभिषेक बिश्नोई, सुरेंद्र बिश्नोई,  सुनील खिलेरी हानिया , सहित अन्य समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे

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