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शिक्षा का उद्देश्य संस्कारयुक्त नागरिक बनाना: राज्यपाल

शिमला / 30 सितम्बर / न्यू सुपर भारत

पहली बार नेरवा पहुंचे कोई राज्यपालराज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज शिमला जिला के अंतर्गत चौपाल उपमंडल में बकासन स्थित सरस्वती विद्या मंदिर नेरवा स्कूल के भवन का लोकार्पण किया। हिमाचल प्रदेश में किसी भी राज्यपाल का यह नेरवा का प्रथम दौरा है।

इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश समिति के माध्यम से राज्य में शिक्षा का व्यापक प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य संस्कारयुक्त नागरिकों का निर्माण करना होना चाहिए। क्योंकि, इन संस्कारों की वजह से ही देश सुरक्षित रहता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर शिक्षा समिति आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अपनी विरासत को ध्यान में रखकर ही देश आगे बढ़ता है।

 देश में शिक्षा का अनुकूल वातावरण बनाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है। यह शिक्षा नीति विरासत का यह भाग हमें देने वाली है। हिमाचल शिक्षा समिति के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को समिति का सहयोग करना चाहिए और इन शिक्षण संस्थानों का अधिक से अधिक विस्तार होना चाहिए।इस स्कूल के लिए स्थानीय निवासी मियां शावण सिंह ने करीब 2 बीघा भूमि दान में दी है। समिति के माध्यम से ढाई सौ विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।

हिमाचल शिक्षा समिति के प्रांत अध्यक्ष श्री मोहन केष्टा ने इस अवसर पर राज्यपाल को सम्मानित किया तथा स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह स्कूल 21 वर्षों से किराये के भवन में चल रहा था और आज इसका आपने भवन बनकर तैयार हुआ है। उन्होंने स्कूल भवन के निर्माण के लिये योगदान देने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विद्या मंदिर स्कूलों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जानकारी दी तथा कहा कि ये स्कूल समाज द्वारा संचालित और पोषित विद्यालय हैं।

इस अवसर पर समाज सेवक कैप्टन संजय पराशर ने भी अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने स्कूल के निर्माण के लिये 11 लाख रुपये की राशि दान दी है।स्थानीय विधायक श्री बलबीर वर्मा, शिक्षा समिति के संगठन मंत्री श्री ज्ञान तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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