बीबीएन / 28 नवंबर / शांति गौतम //
धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय-धर्मशाला रेड रिबन क्लब की गतिविधियां, रेड रिबन क्लब विश्वविद्यालय में सक्रिय रूप से विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियां आयोजित करता है। क्लब के समन्वयक, डॉ. भरत सिंह और डॉ. अमरीक सिंह ठाकुर ने बताया कि क्लब का उद्देश्य युवाओं में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना और उन्हें विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूक करना है। क्लब द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों में शामिल हैं।
जागरूकता कार्यक्रमः सेमिनार, कार्यशालाएं, पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिताएं, नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से एचआईवी/एड्स, यौन संचारित रोगों, नशीली दवाओं, तंबाकू और शराब के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाना। स्वास्थ्य जांच शिविरः एचआईवी/एड्स परीक्षण, ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल आदि की जांच। स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देनाः योग, ध्यान, फिटनेस गतिविधियां, पोषण और स्वस्थ आहार पर कार्यशालाएं आदि। समुदाय सेवाः स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम, रक्तदान शिविर आदि आयोजित करता है।
प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला के धौलाधर परिसर-1 में रेड रिबन क्लब द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में ‘टीबी मुक्त भारत’ अभियान को नई ऊर्जा मिली। इस कार्यक्रम का आयोजन रेड रिबन क्लब द्वारा किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. राजेश कुमार सूद, जिला कांगड़ा टीबी अधिकारी और कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में डॉ. ललित मोहन, सहायक आचार्य, केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय समुदाय के बीच टीबी के बारे में जागरूकता फैलाना और इस बीमारी के उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास करने को प्रेरित करना था। डॉ. राजेश कुमार सूद ने अपने संबोधन में टीबी के बारे में विस्तृत जानकारी दी और बताया कि कैसे इस बीमारी का इलाज संभव है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे टीबी के लक्षणों को पहचानें और समय पर इलाज करवाएं। डॉ. ललित मोहन ने विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों से इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का यह दायित्व है कि वह समाज के स्वास्थ्य के लिए काम करें। इस अवसर पर विश्विद्यालय के अनेक शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे। केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय समुदाय के सहयोग से इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है।