December 2, 2024

ग्राम पंचायत एवं ग्रामीणों ने आपसी समझ एवं सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए गांव लखनौरा की तस्वीर ही बदल कर रख दी

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नारायणगढ़ / 9 नवम्बर / न्यू सुपर भारत

 गांव लखनौरा बारिश के पानी को संग्रहित एवं संचित करने व गांव के गंदे पानी की निकासी की उचित व्यवस्था की गई है। ग्राम पंचायत एवं ग्रामीणों ने आपसी समझ एवं सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए गांव की तस्वीर ही बदल कर रख दी है। यह गांव अन्य गांवों के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।

इस गांव में थ्री और फाइव पोंड सिस्टम बेहत्तर सफल साबित हुआ है। थ्री और फाइव पोंड सिस्टम से फिल्टर किये गये पानी से लगभग 50 से 60 एकड़ भूमि में सिंचाई की जा रही है। गांव के जोहड़ों को संवार कर उनके किनारें पर तीन सुन्दर पार्क भी बनाये गये है। जिनमें विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे लगाये गये है।          

निवर्तमान सरपंच राजीव मैहता ने बताया कि गांव में वर्षा जल संचित करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाये गये है। गांव के स्कूल एवं वृद्धआश्रम जैसे सार्वजनिक भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था की गई है जिससे जमीन के भीतर पानी पहुंचाया जा रहा है। टयूबैल के जो बोर फेल हो चुके है उनसे भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के रूप में काम लिया जा रहा है। पंचायत की जमीन में एक ओर जोहड़ मनरेगा स्कीम में खुदाई करवाकर तैयार किया गया है। जिसमें भी वर्षा के पानी का संचय कर सिंचाई के काम में लिया गया है।

गांव के एक ओर थ्री पौड़ सिस्टम है तथा दूसरी ओर फाईव पौंड सिस्टम कुछ वर्ष पूर्व बनाया गया था जिसमें गांव के गंदे पानी की निकासी नालों एवं नालियों के द्वारा इन जौहड़ों में हो रही है। मनरेगा स्कीम के माध्यम से विगत वर्ष थ्री एवं फाईव पौंड सिस्टम शुरू किया गया था जोकि बेहद सफल साबित हुआ है। फाईव पौंड सिस्टम से तो गांव की पंचायत भूमि तक लगभग तीन किलोमीटर लम्बी पाईप लाईन डाली गई है और जोहड़ के किनारे पर पम्प सिस्टम लगाया गया है।

जब पानी ऑवर फ्लों होता है तो पाईप लाईन के माध्यम से खेतों तक पहुंचता है और जब पानी ऑवर फ्लों नहीं होता है तो पम्प सिस्टम चलाकर सिंचाई की जाती है। पाईप लाईन में गंदगी न जाए इसके लिए बाकायदा जाली एवं फिल्टर लगाये गये है। गांव की सभी गलियां एवं नाली व नाले पक्के बनवाये गये है। जिससे बारिश एवं गांव के घरों आदि से निकलने वाला गंदा पानी जोहड में जाता है। बरसात व डेरे में रहने वाले लोगों के घरों के गंदे पानी की निकासी की सुविधा के लिए सोकपिट बनाये गये है। जिनसे भी पानी जमीन में जाकर भूमि के जल स्तर को रिचार्ज कर रहा है।

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