एकीकृत बागवानी विकास मिशन से फूलों की खेती कर सफल किसान बने Surender Prakash
सिरमौर / 15 मई / न्यू सुपर भारत
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा किसानों व बागवानों की आय को बढ़ाने के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाए चलाई जा रही हैं, जिसके अर्न्तगत उन्हें आर्थिक सहायता तथा अनुदान प्रदान किया जाता है। इसी प्रकार की योजना एकीकृत बागवानी विकास मिशन है जिसमें फूलों की खेती के लिए किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना का लाभ उठाकर जिला सिरमौर के राजगढ़ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत दारो देवरिया के गांव बरूडी के निवासी सुरेन्द्र प्रकाश ने फूलों की खेती कर जिला के सफल किसानों में अपनी अलग पहचान बनाई जिससे उनकी आर्थिकी भी मजबूत हुई है।
सुरेन्द्र प्रकाश ने बताया कि उन्होंने उद्यान विभाग से फूलों की खेती करने के लिए 10 लाख रुपये का ऋण लिया जिस पर उन्हें पॉलीहाउस बनाने के लिए 85 प्रतिशत तथा फूल उगाने के लिए 302 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर की दर से अनुदान प्राप्त हुआ।
उन्होंने अपनी एक हजार वर्ग मीटर जमीन पर 20 हजार फूलों के पौधे रोपित किए हैं जिससे उन्हें प्रतिवर्ष 4 से 5 लाख रुपये की आय प्राप्त हो रही है। उन्होंने अपनी फूलों की खेती द्वारा 5 लोगों को रोजगार भी दिया है। सुरेन्द्र प्रकाश का कहना है कि फूलों की बाजार में बहुत मांग है तथा वह अपने फूलों को चण्डीगढ़ तथा फूल मंडी गाजीपुर दिल्ली भेजते हैं, जहां उन्हें फूलों के अच्छे दाम प्राप्त हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि फूलों की खेती के लिए उन्होंने 4-4 फूट के बेड़ बनाये हैं तथा बीच में डेढ़ फूट का रास्ता रखा है ताकि वह फूलों की देखभाल तथा कटिंग आसानी से कर सकें। वह फूलों में ड्रिप सिंचाई विधि से सिंचाई करते हैं जिससे उनके समय की तथा पानी दोनों की बचत होती है। उन्होंने बताया कि वह अपने खेतों में वीजित, रेड गलो, वन्डर वाईट, जौली, कैलियोफ पिंक प्रजाति के खूबसूरत कार्नेशन फूलों की खेती कर रहे हैं।
उन्होंने किसान, बागवान युवाओं से फूलों की खेती के क्षेत्र में आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि यदि फूलों की खेती में मेहनत की जाये तो अच्छी आमदनी प्राप्त की जा सकती है।
फूलों की खेती के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत दी गई आर्थिक सहायता तथा अनुदान के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धन्यवाद करते हुए सुरेन्द्र प्रकाश कहते हैं कि सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना के कारण ही वह आर्थिक रूप से सशक्त हो पाये हैं और उन्होंने 5 अन्य लोगों को रोजगार भी दिया है जिससे उन लोगों का भी गुजारा अच्छे से चल रहा है।