केंद्र सरकार की नितियों के खिलाफ कर्मचारी यूनियनों ने जताया विरोध
सुंदरनगर / 8 जनवरी / सचिन शर्मा
भारत सरकार की कर्मचारी व मजदूर विरोधी नितियों के खिलाफ बुधवार को बीएसएल परियोजना में इंटक, एटक, सीटू, एआईआईईए, बीईएफआई, बीएसएनएलईयू व एचएमएस की केन्द्रीय कर्मचारी एवं श्रमिक समन्वय समिति द्वारा गेट मिटिंग पर विरोध प्रदर्शन किया गया।
इस मौके पर बीबीएमबी कर्मचारी यूनियन(सीटू) के महासचिव चरणजीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देश में सार्वजनिक क्षेत्रों व सरकारी विभागों का निजीकरण कर उन्हें कौडिय़ों के भाव बेचने पर अमादा है।
उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में ठेकेदारी व आउटसोर्सिस प्रथा बंद करने और सार्वजनिक क्षेत्रों में कई वर्षों से रिक्त पड़े पदों को न भरने के विरोध में बुधवार को ट्रेड यूनियनें देशव्यापी एक दिवसीय हड़ताल कर रही है। जिसे बीबीएमबी कर्मचारी यूनियन, सीटू, सुंदरनगर व भाखड़ा व्यास कर्मचारी यूनियन (एटक) ने पूर्ण समर्थन दिया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की कर्मचारी व मजदूर विरोधी निजीकरण की नितियों का बीबीएमबी पर बहुत तेजी से असर पड़ा है व पड़ रहा है। जिसके कारण बीबीएमबी प्रशासन पक्के कार्यों को ठेके पर करवा रहा है। कई- कई वर्षों से खाली पड़े पदों को भरा नहीं जा रहा और कर्मचारियों को ठेकेदारी प्रथा द्वारा आउटसोर्स पर चोर दरवाजे से रखा जा रहा है। इसके विरोध में ही बीबीएमबी की बीएसएल परियोजना में गेंट मिटिंग कर अपना विरोध जताया जा रहा है।
इस मौके पर भाखडा व्यास कर्मचारी यूनियन के सचिव रुपलाल धीमान, एटक के प्रधान मगनी राम, रोशन लाल, पूर्ण चंद चौहान व संजय कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त कर केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नितियों का विरोध जताया और आने वाले समय में इस आंदोलन को और तेज करने की बात कही।