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सुक्खू सरकार का प्रदेशवासियों को बड़ा झटका

शिमला / 10 सितंबर / न्यू सुपर भारत /

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विद्युत (शुल्क) संशोधन विधेयक 2024 पेश किया। इस विधेयक में दो प्रमुख संशोधन शामिल हैं, जो प्रदेश में बिजली की खपत और औद्योगिक इकाइयों पर नए शुल्क लागू करेंगे।

प्रति यूनिट बिजली पर 10 पैसे मिल्क सेस का प्रावधान

विधेयक के तहत प्रति यूनिट बिजली की खपत पर 10 पैसे मिल्क सेस लागू किया जाएगा। यह सेस मिल्क प्रोडक्शन को बढ़ावा देने और दुग्ध उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिए उपयोग किया जाएगा। हालांकि, यदि किसी उपभोक्ता का बिजली बिल शून्य रुपये है, तो उनसे यह मिल्क सेस नहीं लिया जाएगा।

125 यूनिट तक मुफ्त बिजली की सुविधा जारी रहेगी

वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में पात्र उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती है। मिल्क सेस की नई दरें इस सीमा पर प्रभावित नहीं होंगी।

150 यूनिट बिजली इस्तेमाल पर 15 रुपये अतिरिक्त शुल्क

नई दरों के लागू होने के बाद, यदि कोई उपभोक्ता 150 यूनिट बिजली का उपयोग करता है, तो उसे 15 रुपये तक अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा।

औद्योगिक इकाइयों पर पर्यावरण सेस लागू

दूसरे संशोधन के तहत, औद्योगिक इकाइयों पर पर्यावरण सेस लगाने की तैयारी है। लघु औद्योगिक ऊर्जा यूनिट्स पर 2 पैसे प्रति यूनिट, मध्यम औद्योगिक ऊर्जा पर 4 पैसे प्रति यूनिट, बड़े उद्योगों और कॉमर्शियल सेक्टर पर 10 पैसे प्रति यूनिट पर्यावरण सेस लागू होगा। इसके अतिरिक्त, अस्थाई कनेक्शन पर 2 रुपये प्रति यूनिट, स्टोन क्रेशर पर 2 रुपये प्रति यूनिट और विद्युत वाहन चार्जिंग स्टेशनों पर 6 रुपये प्रति यूनिट पर्यावरण सेस लगेगा।

पर्यावरण संरक्षण और रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश

पर्यावरण सेस की राशि का उपयोग रिन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में किया जाएगा। विधेयक की मंजूरी के बाद, इसे राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा, और इसके बाद नई दरें लागू होंगी।

हिमाचल प्रदेश सरकार के पास सदन में बहुमत है, इसलिए विधेयक के पास होने की संभावना है।

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