विश्व कल्याण का मार्ग सशक्त व समर्थ भारत – विजय कुमार
मंडी / 08अक्तूबर/ एनएसबी न्यूज़
विजय दशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस के उपलक्ष पर सब्जी मंडी अखाड़ा बाज़ार से लेकर हनुमानी बाग तक एक भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया।
संघ हर वर्ष विजय दशमी उत्सव को अपने स्थापना दिवस के रूप में मनाता है। हर वर्ष की तरह इस बार भी सेंकड़ों की संख्या में स्वयंसेवकों ने पथ संचलन में हिस्सा लिया। संचलन में जिले भर से आये स्वयंसेवकों ने घोष की धुन के साथ अखाड़ा बाज़ार से शुरू कर ढालपुर होते हुए हनुमानी बाग तक मार्च निकाला जिसका विभिन्न स्थानों पर स्थानीय लोगों ने पुष्प वर्षा द्वारा स्वागत व अभिनन्दन किया।
संघ द्वारा विजय दशमी पर अयोजित शस्त्र पूजन व पथ संचलन कार्यक्रम की अध्यक्षता लाला मेमे फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री मंगल चन्द मनेपा ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दू ओर बौद्ध समाज में लाला मेमे को शिव के अवतार के रूप में समान रूप से मान्यता प्राप्त है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री विजय कुमार सह क्षेत्रय कार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने सम्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने स्थापना काल से ही समाज संगठन के माध्यम से भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाने की दिशा में निरन्तर अग्रसर है जिसका आधार हिन्दुतत्व है। हिन्दुत्व के माध्यम से ही विश्व का कल्याण सम्भव है।
उन्होंने कहा कि भारत समृद्ध संस्कृति विशिष्टताओं का देश है जो उत्सवों की परम्पराओं को संजोये हुए है। विजय दशमी देव प्रवृत्ति की दानव प्रवृत्ति पर तथा सत्य की असत्य पर विजय का प्रतिक है। भारतीय दृष्टि में विश्व एक परिवार की तरह है। विविधता में एकता भारत की विशेषता है। भारत की विश्व के प्रति समावेशी दृष्टि विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। संघ शाखाओं के माध्यम से समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहा है। सशक्त भारत व संगठित हिन्दू समाज के माध्यम से विश्व कल्याण का विचार डॉ हेडगेवार जी ने संघ स्थापन के साथ 1925 में एक बीज के रूप में दिया था जो आज की आवश्यकता के अनुरूप उस कार्य को निरंतर कर रहा है।
आचार्य चाणक्य की तीन बातों को १) मातृवत पर दारेषु २) लोष्ठवत पर द्रव्येषु ३) आत्मवत सर्व भूतेषु पर बल देते हुये श्री विजय जी ने कहा कि यह हिन्दू संस्कृति की मूल बातें हैं जिनका पालन कर और व्यवहार में ला कर एक आदर्श समरस, भ्रष्टाचार मुक्त, व नारी का सम्मान करने वाले समाज की रचना हो सकती है। कार्यक्रम को देखने हेतु नगर के कई प्रबुद्ध लोग भी पहुंचे थे।