जेलों को पूरी तरह अपराध और मोबाइल मुक्त करने के सख्त निर्देश
चंडीगढ़ / 17 अक्टूबर / नीरज बाली
पंजाब के जेल मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने सूबे की जेलों को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) आधारित और अत्याधुनिक तकनीक अपनाने पर ज़ोर दिया है।
यहां जेल विभाग के उच्च अधिकारियों और राज्य की सभी जेलों के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि जेलों को पूरी तरह अपराध मुक्त करने और मोबाइल जैसे उपकरणों की पूरी तरह रोकथाम के लिए नवीनतम तकनीक की प्रमुख आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जेलों में उन्नत निगरानी उपकरण लगाने के लिए तुरंत कार्रवाई की जाए।
स. लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि वह जेल विभाग के लिए ज़रूरी फंडों के लिए मुख्यमंत्री स.भगवंत सिंह मान से जल्द मुलाकात करेंगे और जेलों के आधुनिकीकरण और वहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए फंडों की कोई कमी नहीं आने देंगे। जेलों में कैदियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में नई जेलों के निर्माण के साथ-साथ नई बैरकें भी बनाई जाएंगी।
जेलों को सुरक्षा और सुविधाओं के मामले में बेहतर बनाकर जेल प्रणाली में सुधार करने की मान सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए स. लालजीत सिंह भुल्लर ने जेल अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे जेलों को पूरी तरह अपराध मुक्त करने के लिए तत्परता से काम करें। उन्होंने कहा कि जेलों में विभिन्न उत्पाद तैयार किए जाएं ताकि जेलों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इसी प्रकार कैदियों और हवालातियों को बुनियादी सुविधाएं देने के साथ-साथ उनके लिए बनाई गई भलाई योजनाओं को पूरी तरह लागू किया जाए।
विस्तृत समीक्षा बैठक के दौरान स. लालजीत सिंह भुल्लर ने जेलों के ढांचे में सुधार के लिए चल रहे प्रोजेक्टों, मौजूदा चुनौतियों के समाधान के लिए रणनीतियों, बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में सुधार, अंतर-विभागीय संचार सुधार और पुनर्वास कार्यक्रमों को और बेहतर बनाने पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कैदियों के पुनर्वास के उद्देश्य से कौशल विकास कार्यक्रमों और व्यावसायिक प्रशिक्षण उपायों पर ज़ोर दिया ताकि कैदियों को अपराध की दुनिया से दूर करके समाज की मुख्य धारा में शामिल किया जा सके।
जेल अधीक्षकों ने अपनी-अपनी जेलों से संबंधित चुनौतियां, जैसे कि कैदियों और हवालातियों की बढ़ती संख्या, स्टाफ और संसाधनों की कमी आदि साझा कीं। कैबिनेट मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार जेल प्रबंधन में सुधार के लिए दीर्घकालिक उपाय लागू करने के साथ-साथ इन समस्याओं के समाधान के लिए तुरंत कार्रवाई करेगी।
जेल मंत्री ने कैदियों के शैक्षिक कार्यक्रमों के विस्तार, निगरानी और प्रशासनिक कार्यों के लिए तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने और मानसिक स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती से संबंधित पहलों को प्रोत्साहित करने की योजनाओं की भी रूपरेखा तैयार की।
स. लालजीत सिंह भुल्लर ने जेलों में सुधार के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए अधीक्षकों और विभाग के सामूहिक प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से यह सुनिश्चित होना तय है कि पंजाब की जेलें आधुनिक मानकों के अनुरूप और व्यापक सामाजिक ताने-बाने में सकारात्मक योगदान देने योग्य हैं।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (जेल) श्री आलोक शेखर, ए.डी.जी.पी. (जेल) श्री अरुण पाल सिंह, आई.जी. (जेल) श्री आर.के. अरोड़ा, डी.आई.जी. (जेल मुख्यालय) श्री सुरिंदर सिंह और सभी जेल अधीक्षक तथा मुख्यालय के अधिकारी मौजूद थे।