Site icon NewSuperBharat

स्थानीय एमएम कॉलेज में डॉ. बीआर अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम आयोजित

-एडीसी डॉ. मुनीष नागपाल ने बाबा साहेब के जीवन, विचारधारा और शिक्षाओं पर रखे अपने विचार

फतेहाबाद / 14 अप्रैल / न्यू सुपर भारत


संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर स्थानीय एमएम कॉलेज में बीआरएम एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. मुनीष नागपाल ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. नागपाल ने भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन, विचारधारा व शिक्षाओं पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में पहुंचने पर आत्म प्रकाश बत्तरा, बीआरएम सोसायटी के चेयरमैन सुभाष खिचड़ आदि ने अतिरिक्त उपायुक्त का स्वागत किया।


मुख्यातिथि एडीसी डॉ. मुनीष नागपाल ने कहा कि भारत के महान सपूत डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपने जीवन की असंख्य कठिनाइयों के बीच कठिन परिश्रम करके महानता अर्जित की। वे न केवल भारतीय संविधान के निर्माता थे अपितु भारत में वंचित वर्ग के रक्षक भी थे। इसके अतिरिक्त वे एक योग्य प्रशासक, शिक्षाविद्, राजनेता और विद्वान भी थे।

अस्पृश्यता के अभिशाप ने उन्हें मजबूर कर दिया था कि वे जातिवाद के इस दैत्य को नष्ट कर दें और अपने पीडि़तों को इससे मुक्ति दिलाए। उनका विश्वास था कि भाग्य बदलने के लिए एकमात्र सहारा शिक्षा है और ज्ञान ही जीवन का आधार है। इसके लिए उन्होंने एमए, पीएचडी और बैरिस्टर जैसी उपाधियां हासिल की।

एडीसी डॉ. नागपाल ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. बीआर अंबेडकर ने बड़ी ही निष्ठा, ईमानदारी और लगन के साथ अपने जीवन में संघर्ष किया। उनका किया हुआ संघर्ष आज भी देशवासियों के काम आ रहा है। डॉ. अंबेडकर ने वंचितों को सामाजिक व आर्थिक दर्जा दिलाया और उनके अधिकारों की संविधान में व्यवस्था कराई। उन्होंने कहा डॉ. अंबेडकर ने अपने कार्यों की बदौलत करोड़ों लोगों के दिलों में जगह बनाई।

उन्होंने स्वतंत्र भारत के संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उनका बनाया हुआ विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान 26 नवंबर 1949 को स्वीकार कर लिया गया। इसके अतिरिक्त एक सजग लेखक के रूप में उन्होंने विभिन्न मानवीय विषयों पर पुस्तकें भी लिखीं। इस अवसर पर आत्म प्रकाश बत्तरा, चेयरमैन सुभाष खिचड़, एडवोकेट विनोद मेहता, संजीव बत्तरा आदि ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और बाबा साहेब की जीवनी पर प्रकाश डाला।

Exit mobile version