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उस्ताद जी मैं हार्ट पेशेंट हूं बस का स्टीरियो बंद कर दें *** गुहार लगाने पर भी नहीं सुनी चालक परिचालक ने सवारी की बात ***धड़ल्ले से बज रहे हैं निजी बसों में स्टाीरियो** महिलाओं बुजुर्गों को हो रही है परेशानी

मंडी / 15 नवंबर / पुंछी 

सरकार व परिवहन विभाग बार बार दावा करता है कि बसों में किसी भी हालत में स्टीरियो बजाने नहीं दिया जाएगा, इससे न केवल दुर्घटनाएं होने का डर रहता है बल्कि कई सवारियों को भी परेशानी होती है। गुरूवार को सुंदरनगर से सवार हुए बीएसएनएल के एक कर्मी बसंत सिंह के साथ जो हुआ वह रोजाना कई लोगों के साथ हो रहा है मगर लगता है कि कोई सुनने वाला नहीं है। पुलिस को चालान करने से फुरसत नहीं है तो परिवहन महकमे की सूची में भी शायद इसे रोकना प्राथमिकता में नहीं है।

बसंत सिंह ने बताया कि वह हार्ट पेशेंट होने के साथ मधुमेह का भी रोगी है। वह सवा दस बजे सुंदरनगर से एक निजी बस ड्रीम गर्ल में सवार हुआ। बस में जोर शोर से स्टीरियो बज रहा था। इतनी तीखी आवाज थी कि उसकी तबीयत बिगडऩे लग गई। उसे चालक परिचालक से आग्रह किया कि वह इसे बंद कर दे मगर उन्होंने उसकी एक नहीं सुनी बल्कि उसे बस से उतर जाने तक को कह दिया। दुखी होकर उसने अपना मोबाइल आन करके कहा कि वह आरटीओ को फोन करके शिकायत कर देगा तब जाकर चालक परिचालक ने स्टीरियो की आवाज कुछ हल्की की। वह लिखित शिकायत भी करने वाला था मगर उसकी पत्नी साथ थी और उसे मंडी में बहुत जरूरी काम निपटाने थे।  

बसंत सिंह ने बताया कि न तो ये निजी बस वाले टिकट देते हैं, न किसी की सुनते हैं, जहां तहां पर जोर से ब्रेक लगा देते हैं, बीच सडक़ में गाड़ी खड़ी कर देते हैं मगर इनको कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। इस बारे में जब आरटीओ मंडी संत राम से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि स्टीरियो बस में किसी भी तरह से मान्य नहीं है। कुछ चालाक चालक परिचालक ब्लू टूथ से इसे चलाते रहते हैं और जैसे ही कोई चेकिंग होती है तो तुरंत आफ कर देते हैं। ऐसे चालकों के साथ निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई शिकायत उनके पास विशेष चालक या वाहन के बारे में आती है तो वह सख्त कार्रवाई करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस बारे में औचक्क निरीक्षण करके सख्त कदम उठाएंगे। 

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