नालागढ़ / 7 मार्च / न्यू सुपर भारत
हिमाचल प्रदेश सरकार समूचे प्रदेश में बेसहारा गोवंश को आश्रय देने के लिए वचनबद्ध है जिसके लिए निरंतर सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में पेश बजट में गोवंश के लिए प्रतिमाह ₹500 दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर ₹700 कर दिया गया है।
सरकार के इस कदम से विभिन्न गौशालाओं तथा गो अभ्यारण्यों में रखे गए गोवंश के खानपान, रहन-सहन तथा उपचार इत्यादि में गुणात्मक सुधार होगा। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने उपमंडल मुख्यालय नालागढ़ में इस संबंध में आयोजित बैठक के दौरान दी। अशोक शर्मा ने बताया कि वर्तमान में नालागढ़ क्षेत्र में 20 गौशालाएं तथा एक गौ अभ्यारण केंद्र है जहां पर 4210 बेसहारा गोवंश को आश्रय दिया गया है।
इन सभी बेसहारा गोवंश वंश के लिए पहले सरकार द्वारा प्रतिमाह ₹500 प्रति गोवंश की दर से 20 लाख रुपए की राशि खर्च की जा रही थी। अब इस राशि को ₹500 से बढ़ाकर ₹700 करने के पश्चात सरकार द्वारा नालागढ़ क्षेत्र की 20 गौशालाओं तथा एक गो अभ्यारण केंद्र के लिए प्रतिमाह करीब 28 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
अशोक शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश को खुला गोवंश मुक्त करने के लिए गौशालाओं की न केवल निरंतर वृद्धि तथा विस्तारीकरण कर रही है बल्कि मूलभूत सुविधाओं के अलावा उन्हें ढांचागत विकास के लिए भी हर संभव वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है ताकि वहां पर गोवंश को रखने की क्षमता में इजाफा किया जा सके। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले इस क्षेत्र को पूरी तरह बेसहारा गोवंश मुक्त कर दिया गया था लेकिन हाल ही के कुछ दिनों में अधिकतर सीमावर्ती राज्य तथा कुछ एक स्थानीय लोगों द्वारा छोड़े गए पशुओं के कारण वर्तमान में इस क्षेत्र में करीब 450 बेसहारा गोवंश है।
इस बेसहारा गोवंश को भी आश्रय देने के उद्देश्य से आज की बैठक में विभिन्न गौशालाओं के क्षमता विस्तार को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। इस के पश्चात सभी गौशालाओं के प्रबंधकों एवं प्रतिनिधियों ने 390 अतिरिक्त गोवंश को अपनी गौशालाओं में आश्रय देने की सहमति दी है। अशोक शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में गोवंश की मदद के लिए 44 एंबुलेंस वाहन उपलब्ध करवाए गए हैं जिनका उपयोग प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में गोवंश के उपचार तथा अन्य किसी भी आपातकाल स्थिति में आवश्यकता के अनुसार किया जाएगा।
उन्होंने जानकारी दी कि सरकार गोवंश को बेसहारा छोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कानून लाने जा रही है जिसके तहत दोषी व्यक्ति को ₹5000 जुर्माना तथा 6 माह की कारावास हो सकती है। उन्होंने सभी गौशाला संचालकों से अनुरोध किया कि वे घायल अवस्था में बेसहारा गोवंश को प्राथमिकता के आधार पर आश्रय दें ताकि सही समय पर सही उपचार तथा आहार देकर उसे बचाया जा सके।
इससे पूर्व नालागढ़ क्षेत्र की विभिन्न गौशालाओं के संचालकों एवं उनके प्रतिनिधियों ने एक स्वर में प्रदेश सरकार का गोवंश के लिए दी जाने वाली सहायता राशि को ₹500 से ₹700 करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने गौशालाओं के संचालन में आ रही कठिनाइयों तथा इस संबंध में सुधार वारे अपने सुझाव भी दिए।
बैठक में डॉक्टर बी बी गुप्ता उपनिदेशक पशुपालन विभाग सोलन, ऋषभ शर्मा तहसीलदार नालागढ़, डॉक्टर बी बी करकरा वरिष्ठ पशु चिकित्सक नालागढ़, डॉ एसएस शेखों पशु चिकित्सक, आर एस वर्मा कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद नालागढ़ व बद्दी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा क्षेत्र की गौशालाओं के संचालक, प्रबंधक प्रतिनिधि उपस्थित थे।