होटल, ढाबों, रेहड़ी फड़ी वालों के लिए चलेगा विशेष जागरूकता अभियान- उपायुक्त
शिमला / 16 दिसम्बर / न्यू सुपर भारत /
जिला प्रशासन शिमला लोगों एवं पर्यटकों को गुणवत्तापूर्ण खाद्य वस्तुएं मुहैया करवाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए समय-समय पर अनेकों कदम प्रशासन की ओर से उठाए जाते रहे है। पर्यटन सीजन शुरू होते ही शिमला शहर और सटे हुए पर्यटन स्थलों पर विशेष जागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला लिया है। उक्त फैसला भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण अधिनियम 2006 के तहत जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने की।
इस दौरान उन्होंने बताया कि 10 जनवरी 2025 तक शोघी से लेकर नारकंडा तक एनएच के किनारे सभी दुकानों, होटल, ढाबों, रेहड़ी फड़ी वालों के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। इसमें हितधारकों को गुणवत्ता युक्त खाद्य वस्तुएं, सफाई व्यवस्था, तय नियमों के अनुसार कार्य करने के बारे में विस्तृत रूप से जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत ”फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स“ यानि मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब को चलाया जाएगा। ये लैब औचक निरीक्षण भी करेगी । इसके साथ ही समय-समय पर सैंपल एकत्रित भी करेगी। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता में सार्वजनिक स्थल, स्कूल, अस्पताल, पीजी, हाॅस्टल, आंगनबाडी केंद्र शामिल है। स्कूलों में मिड डे मील और आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलने वाली खाद्य वस्तुओं तय मानकों के अनुसार ही वितरित होनी चाहिए। अगर कोई वस्तु मानकों पर खरी नहीं उतरती है तो लोगों में किसी भी सूरत में वितरित नहीं की जाएगी।
उन्होंने सभी हितधारकों से अपील की है कि खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का समझौता न करें। लोगों को गुणवत्ता युक्त खाद्य वस्तुएं मुहैया करवाएं। उन्होंने कहा कि अगर लोगों को खाद्य वस्तुओं को लेकर किसी भी प्रकार की शिकायत हो तो इसकी सूचना तुरंत प्रशासन को दें।
जिला शिमला में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा एक जनवरी 2024 से लेकर 7 दिसंबर, 2024 तक 2499 पंजीकरण और 289 लाइसेंस जारी किए गए। इसके अलावा सात जागरूकता शिविर भी आयोजित किए गए है। नगर निगम शिमला के अधिकार क्षेत्र में 415 पंजीकरण और 534 लाइसेंस जारी हुए है। 300 स्ट्रीट वेंडर को स्ट्रीट फूड को लेकर प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अभी तक 86 सैंपल लिए जा चुके है, जिनमें से 2 अनसेफ और 2 ही सब्सटेंडर्ड सैंपल पाए गए हैं।
इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कानून एवं व्यवस्था अजीत भारद्वाज, एसी टू डीसी गोपाल चंद शर्मा, मनोनीत सदस्य महेन्द्र सेठ, कवंलजीत सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
”फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स“ लेगी सैंपल, करेगी जागरूक
अभियान के तहत 10 जनवरी 2025 तक शोघी से नारकंडा तक एनएच का क्षेत्र चयनित किया गया है। इस क्षेत्र में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जिला में मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब मुहैया करवाई गयी है। लैब को ”फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स“ कहा जाता है। इसकी मदद से खाद्य पदार्थों की जांच की जाएगी और खाद्य सुरक्षा से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। खासतौर पर लैब में प्राथमिकता के तौर पर खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच होगी। लैब में दूध, घी, मसाले आदि में मिलावट की जांच आसानी से हो सकेगी। लैब में खाद्य सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर जागरूकता फैलाई जाएगी। इसमें विभिन्न प्रकार की प्रचार सामग्री मुहैया करवाई जाएगी। इनमें खाद्य व्यवसाय संचालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा । इसके साथ ही इनमें उपभोक्ताओं की बुनियादी विश्लेषणात्मक जरूरतों को पूरा किया जाएगा। लैब में सरल माइक्रोबायोलॉजिकल परीक्षण भी किए जाने का प्रावधान है। भविष्य में जिला के दूर दराज क्षेत्रों में भी खाद्य परीक्षण की सुविधा मिलेगी।