फतेहाबाद / 17 जनवरी / न्यू सुपर भारत
अतिरिक्त उपायुक्त एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के मुख्य परियोजना अधिकारी अजय चोपड़ा ने कहा कि हमें अपने घरों के साथ-साथ खेतों आदि में भी सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने चाहिए। सरकार द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्रों पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है। बिजली की बचत का एकमात्र माध्यम सौर ऊर्जा को अपनाना है। सौर ऊर्जा से पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है।
एडीसी श्री चोपड़ा मंगलवार को स्थानीय डीपीआरसी सभागार में बिजली बचत व अक्षय ऊर्जा पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा संयंत्र कम से कम 25 से 30 साल तक चलते हैं और इनकी मरम्मत आदि भी न के बराबर होती है। सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के दौरान केवल एक बार ही खर्च करना पड़ता है, उसके बाद किसी प्रकार का कोई खर्च नहीं होता। उन्होंने कहा कि आमतौर पर घरों में जरूरत से अधिक बिजली खर्च करने पर भारी भरकम बिल आते हैं, जिसका मुख्य कारण है कि हम घरों में बिना जरूरत के भी लाइट ऑन रखते हैं।
हजारों रुपये का बिल देकर लोग बिजली चोरी करने की भी सोचते हैं जो कि एक अपराध है। एडीसी ने कहा कि हमें बिजली बचत पर गौर करना होगा और इसके लिए सौर ऊर्जा संयंत्र अपनाने होंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में जरूरत से अधिक खपत होने की वजह से पैट्रोल-डीजल तथा कोयला आदि प्राकृतिक संसाधन कम होते जा रहे हैं। ऐसे में गाडिय़ां भी इलेक्ट्रिक आधारित आने लगी हैं। एडीसी ने पंचायत प्रतिनिधियों से भी आह्वान किया कि वे गांवों की गलियों में भी सौर ऊर्जा पर आधारित स्ट्रीट लाइटे लगवाएं।
इस दौरान परियोजना अधिकारी इंद्राज, बिजली बोर्ड के एसडीओ मणिक गांधी सहित विभाग के अन्य अधिकारियों ने सौर ऊर्जा संयंत्रों के उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने से बिजली के बिलों से छुटकारा मिल जाता है। यह प्रदूषण रहित बिजली होती है। इसके रखरखाव पर कोई खर्च नहीं होता। सेमिनार के दौरान अधिकारियों ने सोरल पम्प, सोलर इंवर्टर, सोलर टयूब्वैल व गोबर गैस प्लांट आदि पर मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा 320 वॉट व 640 वॉट क्षमता के सोलर इंवर्टर पर 40 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। प्रदेश के किसानों को 3 एचपी से 10 एचपी क्षमता वाले सोलर पम्प पर 75 प्रतिशत सब्सिडी देने की योजना बनाई गई है। पात्र किसान जिन्होंने सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली/भूमिगत पाइपलाइन लगाई हो अथवा लगाने को सहमत हों, सौर पंप लगाकर सिंचाई कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि हरेडा द्वारा संस्थागत बायोगैस प्लांट लगवाने पर चार लाख तक की सब्सिडी दी जा रही है।
इसके अलावा 24 से 85 क्यूबिक मीटर के बायोगैस प्लांट लगवाने पर गोशाला व डेयरियों में हरेडा की तरफ से 40 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त योजनाओं का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति सरल हरियाणा पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इस अवसर पर जिला परिषद की उपाध्यक्ष कलाशो देवी, विभिन्न गांवों के पंच-सरपंच, विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।