December 23, 2024

ग्राम पंचायत ग्राम पंचायत गनोल, भागुड़ी तथा बारियां में 161 रोगियों की एनीमिया जांच

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सोलन  / 16 अक्तूबर / / न्यू सुपर भारत न्यूज़ :


जिला आयुर्वेद विभाग सोलन के तत्वावधान में ‘आयुष द्वारा एनीमिया रोकथाम’ जागरूकता अभियान के द्वितीय चरण के तहत आज धर्मपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत गनोल, भागुड़ी तथा बारियां में एनीमिया जांच, पोषाहार तथा कोविड-19 से सुरक्षा के बारे में जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। यह जानकारी जिला आयुर्वेद अधिकारी डाॅ. राजेन्द्र शर्मा ने दी। 


उन्होंने कहा कि इन ग्राम पंचायतों में आयोजित शिविरों में 161 रोगियों की एनीमिया जांच की गई। लोगों को संतुलित आहार लेने का परामर्श दिया गया। ग्राम पंचायत ग्राम पंचायत गनोल में 35, ग्राम पंचायत भागुड़ी में 84 तथा ग्राम पंचायत बारियां में 42 रोगियों की स्वास्थ्य जांच की गई। 
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य जांच में जिन रोगियों का हीमोग्लोबिन स्तर सामान्य से कम पाया गया उन्हें पूरी जांच तथा आवश्यक दवाओं के लिए परामर्श दिया गया। 


डाॅ. राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि इन शिविरों में लोगों को बताया गया कि अधिकांश मामलों में कुपोषण के कारण एनीमिया होता है। शरीर में जब पौष्टिक तत्वों आयरन, विटामिन, लवणों या खनिजों तथा प्रोटीन की कमी हो जाती है तो एनीमिया होता है। 
एनीमिया रोग होने से गर्भवती महिला में खून की कमी होने से गर्भावस्था में पल रहे बच्चे में खून की कमी, वजन में कमी, शारीरिक व मानसिक विकालंगता, समय पूर्व जन्म का खतरा तथा कभी-कभी गर्भ में ही बच्चे की मृत्यु हो सकती है। लोेगों को बताया गया कि माता में खून की अधिक कमी से प्रसव के दौरान अधिक खून बहना तथा माता की मृत्यु तक हो सकती है।

उन्होंने कहा कि शिविर में लोगों को एनीमिया के लक्षण भी बताए गए। थकावट, कमजोरी, सुस्ती, शिथिलता, घबराहट, सिरदर्द, चक्कर आना, धड़कन व सांस चढ़ना, भूख की कमी, नींद की कमी, छाती व पेट में दर्द, कानों में आवाज सुनाई देना, तेज सुनाई देना, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी, जीभ या मुंह पकना अथवा छाले पड़ना, नाखूनों में सफेदी, पतलापन, सूखापन व रूखापन, त्वचा में सफेदी या पीलापन प्रमुख लक्षण हैं। 

शिविरों में कोविड-19 से सुरक्षा के बारे में भी लोगों को जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि लोगों को सोशल डिस्टेन्सिग, मास्क पहनने तथा 20 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोने या सेनिटाइजर के उपयोग करने के बारे में बताया गया। लोगों को बताया गया कि कोई भी संक्रमण या बीमारी तभी प्रभावित करती है जब हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय बताए गए।


इस अवसर पर रोगियों को एनीमिया की दवाएं भी निःशुल्क वितरित की गईं।
आयुर्वेदिक चिकित्सक डाॅ. कामिनी, डाॅ. सपना, डाॅ. सोनिया तथा आयुर्वेद विभाग के अन्य कर्मचारी एवं स्थानीय निवासी इस अवसर पर उपस्थित थे। 

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