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श्रीमद् भगवत गीता आत्मा का दर्पण : विधायक दुड़ा राम

फतेहाबाद / 2 दिसंबर / न्यू सुपर भारत

श्रीमद् भगवत गीता आत्मा का दर्पण है। यह ज्ञान, विज्ञान तथा गीता जीवन जीने की कला सीखाती है।यह बात फतेहाबाद के विधायक दुड़ा राम ने शुक्रवार को स्थानीय पंचायत भवन में आयोजित किए जा रहे जिला स्तरीय गीता महोत्सव के दोपहर सत्र में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर अपने संबोधन में कही। विधायक दुड़ा राम ने कहा कि श्रीमद् भगवत गीता इस महान देश की गौरवमयी विरासत और धरोहर है और जन-जन के मन में इसका गौरव पैदा करने के लिए ही हरियाणा सरकार ने पूरे प्रदेश में गीता महोत्सव का आयोजन किया है।

इसके लिए मैं, मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद करता हूं। भारत में अनेक ग्रंथ है। सभी ग्रंथ और धर्मों में जीवन को सफल बनाने तथा किस प्रकार से मोक्ष प्राप्त किया जाए, इसका वर्णन किया गया है। सभी ग्रंथों को आधार गीता सार से ही मिला है। विधायक ने अधिकारियों के साथ प्रदर्शनी व लगाई गई स्टॉल का भी अवलोकन किया और गीता पूजन कर जिलावासियों को गीता महोत्सव की बधाई दी। इस मौके पर स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम के दौरान विधायक दुड़ा राम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल की महान सोच के कारण देश, प्रदेश व विश्व में गीता महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।

कुरूक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का कार्यक्रम 6 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। इसी कड़ी में जिला स्तर पर 2 से 4 दिसंबर तक गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। सरकार का मकसद है कि गीता का ज्ञान हर व्यक्ति को मिले और इसके साथ-साथ सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को मिले। गीता महोत्सव में विभिन्न विभागों द्वारा दो दर्जन से भी अधिक प्रदर्शनी व स्टॉल लगाई गई। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा भी बनाए गए उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकात्ममानववाद सिद्धांत दिया है। यह मानववाद न होकर एक दर्शन है। जिस प्रकार से इंद्रियों को वश में करके परमात्मा को प्राप्त किया जा सकता है, उसी प्रकार से समाज के हर वर्गों के उत्थान के लिए या उन्हें उसका उचित न्याय दिलाने के लिए एकात्म मानव दर्शन सिद्धांत काम कर रहा है।विधायक दुड़ा राम ने कहा कि गीता महोत्सव का मकसद गीता संदेश को घर-घर तक पहुंचाने का है और इसकी सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब हम सभी लोग संकल्प लें कि गीता का अध्ययन समय निकालकर करेंगे।

विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के शैड्यूल में गीता गं्रथ को रखें। गीता ग्रंथ को जीवन में आत्मसात कर व्यक्ति का निर्माण होता है और व्यक्ति निर्माण से ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकली गीता ग्रंथ में केवल ज्ञान ही नहीं बल्कि विज्ञान भी है। किसी भी देश, धर्म, समुदाय या क्षेत्र का लेखक, वैज्ञानिक अथवा धर्मगुरु गीता के महत्व को नकार नहीं सका है। संसार में ऐसा कोई ग्रंथ नहीं जो ज्ञान के मामले में गीता का मुकाबला कर सके।

पाप-पुण्य, धर्म-अर्धम, संकल्प-विकल्प, अर्थ-काम-क्रोध-मोह, आत्मा व परमात्मा सहित जीवन के हर पहलु की व्याख्या गीता के 18 अध्यायों में हमें मिलती है। इसकी असली महत्ता को वहीं समझ सकता है जो इसका गहराई से अध्ययन करता है। गीता हमें कर्म के संदेश के माध्यम से बहुत बड़ा ज्ञान देती है जिसमें फल की चिंता न करने की बात कहकर लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित्त होने का आह्वान किया गया है।

कार्यक्रम के दौरान विधायक ने गीता महोत्सव के उपलक्ष्य में करवाई गई प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उपायुक्त जगदीश शर्मा, जिप सीईओ कुलभूषण बंसल, डीएचओ डॉ. श्रवण कुमार, डीडीए डॉ. राजेश सिहाग, बीईओ विजय कुमार, राजेंद्र खिलेरी, पूर्व चेयरमैन जगदीश जाखड़, बलवंत खिलेरी, दीपक सुथार, एडवोकेट संत कुमार टूटेजा, टेकचंद शास्त्री, सुदामा शास्त्री सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व स्कूली बच्चे तथा क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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