शिमला / 06 नवम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अटल आयुर्विज्ञान और अनुसंधान विश्वविद्यालय, नेरचैक मण्डी की वेबसाइट का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय स्वास्थ्य विज्ञान अधिनियम 2017 के तहत 23 जून, 2018 में की गई और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में वर्ष 2019 में इसका नाम अटल आयुर्विज्ञान और अनुसंधान विश्वविद्यालय रखा गया।
उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य गुणात्मक स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के माध्यम से राज्य में उत्कृष्ठ स्वास्थ्य पेशेवर तैयार करने, स्वास्थ्य शिक्षाविद्दों के लिए एकल मंच प्रदान करने और स्वास्थ्य शिक्षा की प्रणाली में शिक्षण व मूल्यांकन प्रक्रिया में सुधार करने में भी मदद मिलेगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य चिकित्सा विज्ञान के सभी संकायों जैसे दवाइयों की आधुनिक प्रणाली, होमियोपैथी और विभिन्न पैरा मेडिकल तथा पैरा डैंटल विषयों जैसे नर्सिंग, चिकित्सा प्रयोगशाला तकनीक, फार्मेसी, फिजियोथेरेपी और स्पीच थेरेपी की शिक्षा के स्तर को बेहतर कर समानता लाना है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य स्वास्थ्य शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाकर सभी स्तरों पर शैक्षणिक उत्कृष्टता को हासिल करना और आधुनिक बनाकर सुधार करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी वर्ष से इस विश्वविद्यालय के परिसर में नीट की काउंसलिंग आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान कार्य में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय राज्य के चिकित्सा महाविद्यालय में बेहतर समन्वय स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकारी क्षेत्र में छः चिकित्सा महाविद्यालय और निजी क्षेत्र में एक चिकित्सा महाविद्यालय कार्यरत है जो स्वास्थ्य संस्थानों को उत्कृष्ठ पेशेवर प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला बिलासपुर में जल्द एम्स बनकर तैयार हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इस चिकित्सा विश्वविद्यालय को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंनें कहा कि इस विश्वविद्यालय के विस्तार के लिए चयनित 102 बीघा भूमि जल्द ही हस्तांतरित कर दी जाएगी ताकि विश्वविद्यालय का कार्य सुचारू रूप से चल सके।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने इस विश्वविद्यालय के लिए 3.5 करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि यह बल्ह विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए गर्व का विषय है कि यह चिकित्सा विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में स्थापित किया गया है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. सुरेन्द्र कश्यप ने कहा कि इस वेबसाइट के माध्यम से मात्र एक बटन के दबाने से आवश्यक सूचना और जानकारी प्राप्त होगी। उन्होंने मुख्यमंत्री का इस विश्वविद्यालय को सुदृढ़ बनाने में रूचि दिखाने के लिए धन्यवाद किया।
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डाॅ. दिग्विजय सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी और आइजीएमसी के प्रधानाचार्य डाॅ. रजनीश पठानिया भी इस अवसर उपस्थित थे।