शिमला / 03 नवम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़
प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में आज विभिन्न राज्यों के साथ हुई बैठक में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया। महेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों का जायजा लिया तथा हिमाचल के प्रयासों की सराहना की, जो प्रदेश के लिए गर्व की बात है।
उन्होंने कहा कि ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत हिमाचल में प्राथमिकता से कार्य किए जा रहे हैं। राज्य में हर घर को नल से जल उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अर्धवार्षिक पुनर्विचार बैठक में इस वित्तीय वर्ष के दौरान 2,66,209 घरों को क्रियाशील घरेलू नल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे जिन गांवों में 70 प्रतिशत से अधिक कवरेज है उनमें शत-प्रतिशत घरों में जलापूर्ति प्रदान कर दी जाएगी। वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान जिला लाहौल-स्पिति में और प्रदेश के 5,081 गांवों में शत-प्रतिशत कार्यशील घरेलू नल उपलब्ध करवा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में जिला ऊना व किन्नौर को शत-प्रतिशत क्रियाशील घरेलू नल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है।
वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान जिला सोलन के कण्डाघाट, जिला किन्नौर के पूह, जिला लाहौल-स्पीति के स्पीति और लाहौल विकास खण्डों में शत-प्रतिशत क्रियाशील घरेलू नल उपलब्ध करवा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिला ऊना व किन्नौर में दिसम्बर, 2020, जिला बिलासपुर, हमीरपुर और सोलन में जून, 2021, जिला मण्डी और कांगड़ा में मार्च 2022 तथा जिला शिमला, सिरमौर, चम्बा और कुल्लू में जुलाई, 2022 तक शत-प्रतिशत कवरेज के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2 अक्तूबर को स्कूलों, आंगनबाड़ी व आश्रमशाला को 100 दिनों के भीतर पाइप द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाने का अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान को चलाने के लिए स्कूलों, आंगनबाड़ी, आश्रमशाला के आंकड़े एकत्रित करके उन क्षेत्रों में प्रमाणिता की जांच की जा रही है।
इस अभियान में सरकारी संस्थानों के साथ गैर सरकारी स्कूलों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुल 16,889 विद्यालयों में से 16,478 स्कूलों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है तथा शेष 411 स्कूलों को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करवाने का कार्य प्रगति पर है। प्रदेश के कुल 18,925 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 18,533 को पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाई जा चुकी है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा 47 जल परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जा चुकी हैं। इन प्रयोगशालाओं में अभी तक लगभग 40 हजार परीक्षण किए जा चुके हैं। पानी गणवत्ता प्रयोगशाला तंत्र को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए एक राज्य स्तरीय प्रयोगशाला का निर्माण कार्य शुरू किया जा चुका है और 9 उप-मण्डलीय लैब दूरगामी क्षेत्रों मंे स्थापित की जाएंगी।
विभाग द्वारा सबसे ऊंचे स्थान ताशीगंग में नल द्वारा पेयजल की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। इस वर्ष सभी राज्य स्तरीय प्रयोगशालाओं को एनएबीएल द्वारा मान्यता दिलवा दी जाएगी। जन समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के दिशा-निर्देशों के अनुसार 2008 पंचायतों में वीलेज वाटर सैनिटेशन कमेटी का गठन किया गया है।